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राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) ने बचाई नन्हे मयंक की ज़िंदगी

डॉक्टरों एवं चिरायु टीम के प्रयास से मयंक हुआ स्वस्थ, घर में लौटी खुशियां

शासन की चिरायु योजना एक बार फिर मासूम के जीवन में नई रोशनी लेकर आई। जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित दो वर्षीय मयंक सतनामी को चिरायु योजना के तहत समय पर उपचार मिला, जिससे उसकी जान बच गई। अब वह पूरी तरह स्वस्थ है और उसके परिवार में खुशियां लौट आई हैं।

रायगढ़ जिले के विकासखंड पुसौर अंतर्गत ग्राम कोतासुरा निवासी मयंक सतनामी के जन्म के बाद से ही दिल में छेद था। इस समस्या का पता तब चला जब राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) की टीम नियमित जांच के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र में पहुंची। टीम ने तुरंत मयंक के स्वास्थ्य की गंभीरता को समझते हुए उसे विशेषज्ञ जांच के लिए सत्य साईं अस्पताल, रायपुर रेफर किया। 9 नवंबर 2024 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घरघोड़ा में आयोजित धड़कन शिविर में सत्य साईं अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञों ने मयंक की विस्तृत जांच की और उसे सर्जरी की सलाह दी। 30 जनवरी 2025 को मयंक को सत्य साईं अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां 10 फरवरी को उसकी हृदय की सफल सर्जरी हुई। गहन चिकित्सा देखभाल के बाद 17 फरवरी को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और 19 फरवरी को चिरायु वाहन से सुरक्षित घर पहुंचाया गया।

20 फरवरी को चिरायु टीम ने मयंक के घर जाकर उसकी स्थिति का पुनः मूल्यांकन किया, जिसमें वह पूरी तरह स्वस्थ पाया गया। मयंक के पिता पदमन सतनामी एवं उनके परिवार ने चिरायु टीम, सत्य साईं अस्पताल के डॉक्टरों और शासन को तहेदिल से धन्यवाद दिया।

इस नेक कार्य में पुसौर विकासखंड के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विनोद नायक, विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक नवीन शर्मा, चिरायु टीम के डॉ. संदीप भोई एवं डॉ. मंजू पटेल सहित पूरी टीम का विशेष योगदान रहा। उनके समर्पण से नन्हे मयंक को नया जीवन मिला और उसके परिवार का भविष्य फिर से उज्ज्वल हो गया।

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