छत्तीसगढ़

CG Vidhansabha Session 2025: छत्तीसगढ़ में अवैध धर्मांतरण पर सख्त कार्रवाई करेगी सरकार, विधानसभा में NGO फंडिंग पर गरमाई बहस

CG Vidhansabha Session 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को धर्मांतरण का मुद्दा जोरशोर से उठा, जिसमें गैर-सरकारी संगठनों

17, March, 2025 | CG Vidhansabha Session 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को धर्मांतरण का मुद्दा जोरशोर से उठा, जिसमें गैर-सरकारी संगठनों (NGO) की भूमिका और विदेशी फंडिंग के संभावित दुरुपयोग पर तीखी बहस हुई। गृह मंत्री विजय शर्मा ने विपक्षी भाजपा विधायकों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए मौजूदा कानून को और सख्त करने जा रही है।

NGO की विदेशी फंडिंग को लेकर सवाल

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत यह सवाल उठाया कि छत्तीसगढ़ में कार्यरत NGO को मिलने वाली विदेशी फंडिंग कहां से आ रही है और इसका उपयोग कैसे हो रहा है? उन्होंने आशंका जताई कि यह फंडिंग धर्मांतरण के लिए इस्तेमाल की जा रही हो सकती है।

NGO पर कड़ी कार्रवाई, 127 की मान्यता रद्द

गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि विदेशी फंडिंग की जांच और नियंत्रण केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, लेकिन छत्तीसगढ़ में NGO की गतिविधियों की समीक्षा की गई है। उन्होंने बताया कि पहले राज्य में 364 NGO सक्रिय थे, लेकिन जांच के बाद 84 संगठनों की फंडिंग रोक दी गई है और 127 NGO की मान्यता समाप्त कर दी गई है।

धर्मांतरण का ज़रिया बन रहे NGO?

भाजपा विधायक चंद्राकर ने आरोप लगाया कि गरीब और निर्दोष लोगों को “चंगाई सभा” (हीलिंग मीटिंग) के माध्यम से धर्मांतरण के लिए निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कल्याण के नाम पर बने कई NGO असल में विदेशी फंडिंग के जरिए धर्मांतरण में लगे हुए हैं।

बस्तर और जशपुर में धर्मांतरण के आरोप

चंद्राकर ने बस्तर और जशपुर जिलों का उदाहरण देते हुए कहा कि बस्तर में 19 NGO पंजीकृत हैं, जिनमें से 9 ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित हैं, जबकि जशपुर में 18 NGO इसी तरह कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि इन संगठनों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होने के कारण इन क्षेत्रों में धर्मांतरण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

गृह मंत्री का जवाब – कड़ी कार्रवाई होगी

गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को जैसे ही धर्मांतरण की शिकायतें मिलती हैं, तुरंत कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि इस साल अब तक 4 मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई है।

विदेशी फंडिंग पर जांच की मांग

विधायक चंद्राकर ने मुख्यमंत्री द्वारा 22 फरवरी 2025 को दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में धर्मांतरण की दर कम होने के बजाय बढ़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मिशनरी से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों को दी जाने वाली ग्रांट पर सरकार स्पष्ट जानकारी नहीं दे रही है।

FCRA के तहत पंजीकृत NGO की निगरानी

गृह मंत्री शर्मा ने बताया कि विदेशी सहायता प्राप्त संगठनों को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि फिलहाल छत्तीसगढ़ में 153 संगठन ऐसे हैं, जो FCRA के तहत पंजीकृत हैं। उन्होंने दोहराया कि विदेशी फंडिंग की जांच केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।

क्या नया कानून बनेगा?

चंद्राकर के नए कानून बनाए जाने के सवाल पर मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पहले से ही छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 1968 लागू है, लेकिन इसे और प्रभावी बनाने के लिए सख्त प्रावधान जोड़े जाएंगे।

बिलासपुर में “जोशुआ प्रोजेक्ट” का मामला

भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने बिलासपुर में “जोशुआ प्रोजेक्ट” के तहत कथित धर्मांतरण गतिविधियों का मामला उठाया और कहा कि पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि खुले तौर पर धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाली वेबसाइटें सक्रिय हैं।

बस्तर में 70% गांवों में धर्मांतरण का दावा

केसकाल के विधायक नीलकंठ टेकाम ने बस्तर में बढ़ते धर्मांतरण को लेकर चिंता जताई। उन्होंने दावा किया कि बस्तर के 70% गांवों में धर्मांतरण हो रहा है, जिससे वहां की जनजातीय संस्कृति और परंपराएं खतरे में हैं। उन्होंने कहा कि यदि यह स्थिति जारी रही तो छत्तीसगढ़ अपनी आदिवासी पहचान खो सकता है।

धर्मांतरण को लेकर सख्त होगी सरकार

गृह मंत्री शर्मा ने जवाब में कहा कि बस्तर में 18 विदेशी वित्त पोषित संगठन सक्रिय हैं और सरकार धर्मांतरण रोकने के लिए ठोस कदम उठा रही है।

धार्मिक आयोजनों के लिए अनुमति अनिवार्य

भाजपा विधायक राजेश मूणत ने रायपुर में पिछले 15 दिनों में दो धर्मांतरण के मामलों का हवाला देते हुए सवाल किया कि क्या अन्य धर्मों के धार्मिक आयोजनों के लिए भी हिंदू समाज की तरह अनुमति लेना अनिवार्य है? गृह मंत्री शर्मा ने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रशासनिक अनुमति के बिना कोई भी सार्वजनिक धार्मिक आयोजन नहीं किया जा सकता और ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

क्या धर्मांतरण पर रोक लगेगी?

इस पूरी बहस से साफ हो गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार अब धर्मांतरण को रोकने के लिए पहले से ज्यादा सख्ती बरतने वाली है। NGO की विदेशी फंडिंग की जांच, नए कानूनी प्रावधान और धर्मांतरण गतिविधियों पर नियंत्रण को लेकर सरकार का रुख अब और कड़ा होने जा रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या यह सख्ती धर्मांतरण पर लगाम लगाने में सफल होती है या यह मुद्दा सिर्फ राजनीतिक बहस तक ही सीमित रह जाता है।

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