CG Vidhansabha Budget Session: पुलिस भर्ती गड़बड़ी का मामला गरमाया, डिप्टी सीएम बोले- जहां गड़बड़ी मिली, वहां कार्रवाई हुई
CG Vidhansabha Budget Session: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में पुलिस भर्ती घोटाले का मुद्दा जोरशोर से उठा। प्रश्नकाल के दौरान विधायक द्वारिकाधीश यादव ने भर्ती..

18, March, 2025 । CG Vidhansabha Budget Session: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में पुलिस भर्ती घोटाले का मुद्दा जोरशोर से उठा। प्रश्नकाल के दौरान विधायक द्वारिकाधीश यादव ने भर्ती में गड़बड़ी को लेकर सरकार से सवाल किया। इस पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि राजनांदगांव सहित दो स्थानों पर गड़बड़ी की शिकायतें मिली थीं, जिनकी जांच जारी है। राजनांदगांव में परीक्षा निरस्त कर दी गई है, और एक पांच सदस्यीय टीम 95 हजार वीडियो देखकर जांच कर रही है।
पुलिस भर्ती गड़बड़ी पर तीखी बहस
विधायक द्वारिकाधीश यादव ने सरकार से सवाल किया कि क्या आरक्षक ही पुलिस भर्ती कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि इस घोटाले के लिए बड़े अधिकारी जिम्मेदार हैं और मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। जवाब में डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा,
“हमारी सरकार ने कांग्रेस शासन में अटकी पुलिस भर्ती को पूरा किया। जहां भी गड़बड़ी सामने आई, वहां हमने तुरंत कार्रवाई की। भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी पाए जाने पर उसे तत्काल रद्द किया गया। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”
नक्सल प्रभावित जिलों को केंद्र से 557 करोड़ की सहायता
विधानसभा में नक्सल प्रभावित जिलों में सुरक्षा व्यवस्था पर किए गए खर्च को लेकर भी सवाल उठे। विधायक अजय चंद्राकर ने 2019 से 2023 तक केंद्र सरकार द्वारा दिए गए फंड और खर्च की जानकारी मांगी। इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 15 जिले नक्सल प्रभावित हैं, जिनके लिए केंद्र से 557 करोड़ रुपये मिले हैं, लेकिन अब तक 998 करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुके हैं।
अजय चंद्राकर ने कार्ययोजना और खर्च पर उठाए सवाल
अजय चंद्राकर ने कहा कि कार्ययोजना 13 बिंदुओं में भेजी गई थी, लेकिन खर्च 25 बिंदुओं में किया गया, जिससे स्पष्ट होता है कि प्रस्तावित मद और वास्तविक खर्च में अंतर है। उन्होंने सवाल किया कि फंडिंग और खर्च में इतनी विसंगति क्यों है?
इस पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने सफाई देते हुए कहा,
“जो बिंदु सदस्य ने उठाए हैं, वे राज्य सरकार के ही मद से जुड़े हैं। सभी खर्च नियमों के तहत किए गए हैं और बाद में इन्हें क्लेम किया गया है।”
LWE जिलों में खर्च को लेकर विवाद
अजय चंद्राकर ने वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित जिलों में किए गए खर्च पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार को 557 करोड़ की राशि मिली, लेकिन खर्च 998 करोड़ कर दिया गया।
इस पर विजय शर्मा ने जवाब दिया कि,
“यह राशि पहले राज्य सरकार के बजट से खर्च होती है और बाद में केंद्र से रीएंबर्स (reimburse) की जाती है। हमें 557 करोड़ की राशि प्राप्त हुई थी, लेकिन नक्सल उन्मूलन के तहत आवश्यक कार्यों के लिए 998 करोड़ खर्च किए गए, जिसका रिफंड बाद में केंद्र से मिलेगा।”
निष्कर्ष
विधानसभा में पुलिस भर्ती गड़बड़ी और नक्सल प्रभावित जिलों में फंडिंग को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। सरकार का कहना है कि जहां गड़बड़ी हुई, वहां सख्त कार्रवाई की गई, जबकि विपक्ष सीबीआई जांच की मांग कर रहा है। वहीं, नक्सल प्रभावित जिलों में खर्च को लेकर भी सरकार ने फंड रीएंबर्समेंट का तर्क दिया, लेकिन विपक्ष संतुष्ट नहीं दिखा।