CBI Raid In Chhattisgarh: CBI की फिर बड़ी कार्रवाई, पूर्व सीएम भूपेश बघेल के OSD आशीष वर्मा के घर दोबारा छापा
CBI Raid In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विशेष सहायक (OSD) आशीष वर्मा के भिलाई स्थित वसुंधरा नगर आवास पर CBI ने एक बार फिर छापेमारी की है। इससे पहले, 26 मार्च को CBI ने प्रदेशभर...

30, March, 2025 | दुर्ग | CBI Raid In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विशेष सहायक (OSD) आशीष वर्मा के भिलाई स्थित वसुंधरा नगर आवास पर CBI ने एक बार फिर छापेमारी की है। इससे पहले, 26 मार्च को CBI ने प्रदेशभर में 33 से अधिक ठिकानों पर दबिश दी थी, लेकिन उस समय आशीष वर्मा घर पर नहीं थे। उनके गैरमौजूदगी में CBI ने उनके घर को सील कर दिया था। आज, उनकी अपील पर घर को खोला गया, जिसके तुरंत बाद CBI ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।
26 मार्च को 33 से ज्यादा ठिकानों पर CBI का छापा
CBI ने 26 मार्च को रायपुर, भिलाई सहित कई शहरों में छापेमारी की थी। इस दौरान कई बड़े नेताओं, अधिकारियों और कारोबारियों के ठिकानों पर रेड मारी गई। जिन प्रमुख लोगों के घर और दफ्तरों पर CBI की कार्रवाई हुई, उनमें—
- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
- राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा
- पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया
- विधायक देवेंद्र यादव
- पूर्व IAS अनिल टुटेजा
- IPS अधिकारी आनंद छाबड़ा, अभिषेक पल्लव, आरिफ शेख
- KPS ग्रुप के प्रशांत त्रिपाठी
- पूर्व OSD मनीष बंछोर और आशीष वर्मा
- एडिशनल एसपी अभिषेक महेश्वरी, संजय ध्रुव
- निरीक्षक गिरीश तिवारी
महादेव बेटिंग एप घोटाले से जुड़ा है मामला
CBI की यह छापेमारी महादेव बेटिंग एप घोटाले से जुड़ी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अगस्त 2024 में इस घोटाले की जांच CBI को सौंपी थी। इससे पहले, ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने जनवरी 2023 में इस मामले की जांच शुरू की थी, लेकिन बाद में इसे ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) और EOW (आर्थिक अपराध शाखा) को ट्रांसफर कर दिया गया था।
भूपेश बघेल पर लगे गंभीर आरोप
इस घोटाले में 4 मार्च 2025 को ACB ने चार्जशीट दाखिल की, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरोपी बनाया गया। उनके खिलाफ निम्नलिखित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है—
- धोखाधड़ी
- आपराधिक साजिश
- विश्वासघात और जालसाजी
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11
CBI की कार्रवाई से सियासी भूचाल
CBI की इस छापेमारी ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है। कांग्रेस ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया, वहीं भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम बताया है। इस मामले में आगे और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।