छत्तीसगढ़

Bharat Mala Project में भ्रष्टाचार! चरणदास महंत ने CBI जांच के लिए नितिन गडकरी को लिखा पत्र

Bharat Mala Project: भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण में कथित भ्रष्टाचार को लेकर छत्तीसगढ़ में..

05, April, 2025 | रायपुर। Bharat Mala Project: भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण में कथित भ्रष्टाचार को लेकर छत्तीसगढ़ में विवाद बढ़ता जा रहा है। इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर CBI जांच की मांग की है।

₹43.18 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप
डॉ. महंत ने पत्र में लिखा कि रायपुर से विशाखापट्टनम तक प्रस्तावित इकोनॉमिक कॉरिडोर के तहत रायपुर जिले के अभनपुर क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण और मुआवजा निर्धारण में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लोक सेवकों और भूमि स्वामियों की मिलीभगत से केंद्र सरकार को ₹43.18 करोड़ की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई।

मुआवजे में भारी अंतर
जांच रिपोर्ट के अनुसार, जहां वास्तविक मुआवजा ₹7.65 करोड़ होना चाहिए था, वहां ₹49.39 करोड़ का भुगतान किया गया, यानी ₹43.18 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान किया गया। आरोप है कि भूमि अधिसूचना के बाद भी पुराने दिनांक में रजिस्ट्री, बटवारा और नामांतरण जैसी गतिविधियां कराई गईं, जिससे मुआवजे की दरें कृत्रिम रूप से बढ़ा दी गईं।

EOW जांच को बताया अवैध, CBI जांच की मांग
चरणदास महंत ने कहा कि यह केंद्र सरकार की परियोजना है, इसलिए राज्य सरकार द्वारा की जा रही आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की जांच अवैध है। उन्होंने 12 मार्च को विधानसभा में मांग रखी थी कि या तो CBI जांच कराई जाए या विधायकों की एक समिति गठित की जाए। लेकिन राज्य सरकार ने इसे EOW को सौंप दिया, जो कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सक्षम नहीं है।

राज्य सरकार पर कार्रवाई न करने का आरोप
महंत ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के पास 11 सितंबर 2023 को ही जांच प्रतिवेदन पहुंच चुका था, लेकिन विधानसभा में मामला उठाए जाने तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक ₹43.18 करोड़ की वसूली नहीं हुई और न ही किसी आरोपी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की गई।

पूरे राज्य में व्यापक जांच की जरूरत
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह भ्रष्टाचार केवल अभनपुर तक सीमित नहीं है बल्कि भारत माला परियोजना के तहत अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह की अनियमितताएं हुई हैं। इसलिए पूरे मामले की जांच CBI जैसी केंद्रीय एजेंसी से कराई जानी चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिल सके और जनता का विश्वास बहाल हो।

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