छत्तीसगढ़

Bijapur Maoists Encounter: अम्बेली ब्लास्ट के मास्टरमाइंड समेत तीन नक्सली ढेर, कुल 7 लाख का इनाम था घोषित

Bijapur Maoists Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। शनिवार को जिले के इंद्रावती जंगल में माओवादियों के साथ...

13, April, 2025 | Bijapur Maoists Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। शनिवार को जिले के इंद्रावती जंगल में माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में तीन नक्सलियों को ढेर कर दिया गया। मारे गए माओवादियों में एक नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है—अनिल पुनेम, जो अम्बेली ब्लास्ट का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। अनिल पर सरकार ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था, जबकि बाकी दो माओवादियों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था। यानी कुल मिलाकर तीनों नक्सलियों पर 7 लाख रुपये की इनामी राशि घोषित थी।

कैसे हुई मुठभेड़?

बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों के डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और कोबरा बटालियन की 210 और 202 यूनिट ने संयुक्त रूप से माओवादी विरोधी अभियान चलाया था। इस दौरान जब सुरक्षाबल इंद्रावती रिजर्व फॉरेस्ट के घने जंगलों में पहुंचे, तो वहां छिपे माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीन माओवादी ढेर हो गए। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से दो 12 बोर की राइफलें, एक सिंगल शॉट राइफल, विस्फोटक सामग्री और अन्य माओवादी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

अनिल पुनेम—अम्बेली ब्लास्ट का मास्टरमाइंड

मारे गए माओवादियों में सबसे खतरनाक नाम अनिल पुनेम का है। वह अम्बेली ब्लास्ट का मुख्य साजिशकर्ता था, जिसमें कई सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे। अनिल पर बीजापुर के गंगालूर, मिरतुर, भैरमगढ़ और जांगला थानों में 20 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज थे। इसके अलावा दंतेवाड़ा के बारसूर थाने में भी उसके खिलाफ दो मामले लंबित थे। लंबे समय से वह सुरक्षाबलों की हिट लिस्ट में शामिल था।

अन्य दो माओवादी भी थे वांटेड

अन्य मारे गए नक्सलियों की पहचान दीवान मड़कम और पालो पोड़ियाम के रूप में हुई है। दोनों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था। पालो पर बीजापुर जिले के जांगला, मिरतुर, भैरमगढ़ और गंगालूर थानों में कुल 5 आपराधिक मामले दर्ज थे, जबकि दीवान मड़कम के खिलाफ जांगला, मिरतुर, भैरमगढ़ और नेलसनार थानों में 4 केस दर्ज थे।

सुरक्षा बलों की बड़ी कामयाबी

इस ऑपरेशन को सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी सफलता माना जा रहा है। लंबे समय से इन तीनों नक्सलियों की तलाश चल रही थी। खासकर अनिल पुनेम की मौत माओवादियों के लिए बड़ा झटका है। सुरक्षाबलों की सतर्कता और रणनीतिक अभियान की बदौलत यह मुठभेड़ एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।

राज्य में माओवाद प्रभावित इलाकों में लगातार चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन और बढ़ती तकनीकी निगरानी से माओवादियों की गतिविधियां सीमित होती जा रही हैं। प्रशासन का दावा है कि आने वाले समय में इन इलाकों में शांति बहाली के प्रयासों को और तेज किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button