छत्तीसगढ़

Chhattisgarh New Surrender Policy: छत्तीसगढ़ सरकार की नई आत्मसमर्पण नीति, एलएमजी और एके-47 के साथ सरेंडर करने पर माओवादियों को मिलेंगे लाखों रुपये

Chhattisgarh New Surrender Policy: छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने एक ठोस और मानवीय कदम...

13, April, 2025 | Chhattisgarh New Surrender Policy: छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने एक ठोस और मानवीय कदम उठाया है। राज्य सरकार ने माओवादियों के आत्मसमर्पण और पुनर्वास के लिए वर्ष 2025 की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति को लागू कर दिया है। इस नीति का उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करना, माओवादियों को मुख्यधारा में लौटने का मौका देना और राज्य को हिंसा मुक्त बनाना है।

आत्मसमर्पण करने पर मिलेगी नकद सहायता और सम्मान

नई नीति के तहत जो माओवादी हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करते हैं, उन्हें न केवल सुरक्षा प्रदान की जाएगी, बल्कि उन्हें पुनर्वास के लिए आर्थिक मदद, शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर भी दिए जाएंगे। प्रत्येक आत्मसमर्पण करने वाले को तत्काल ₹50,000 की नकद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। साथ ही यदि वे कोई हथियार सरेंडर करते हैं, तो उस पर अलग से तयशुदा मुआवजा भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि जो माओवादी समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उन्हें डरने की नहीं, बल्कि सम्मान की ज़रूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि जंगलों में वर्षों से भ्रम और भय में भटक रहे युवा यदि हथियार छोड़ते हैं, तो उन्हें समाज में पुनः स्थापित होने का पूरा अवसर दिया जाएगा।

हथियारों के अनुसार मिलेगा मुआवजा

इस नीति में हथियारों के प्रकार के अनुसार प्रोत्साहन राशि तय की गई है। उदाहरण के लिए:

  • एलएमजी (लाइट मशीन गन) के साथ आत्मसमर्पण करने पर ₹5 लाख
  • एके-47 या त्रिची असॉल्ट राइफल के लिए ₹4 लाख
  • मोर्टार सरेंडर करने पर ₹2.5 लाख
  • एसएलआर या इंसास राइफल के लिए ₹2 लाख
  • .303 राइफल के बदले ₹1 लाख
  • 315 बोर या 12 बोर बंदूक, ग्लॉक पिस्टल के लिए ₹30,000

इसके अलावा डेटोनेटर, वायरलेस, कार्बाइन जैसे अन्य छोटे हथियारों के लिए भी मुआवजा निर्धारित किया गया है।

विस्फोटक और हथियारों की जानकारी देने पर भी इनाम

यदि कोई आत्मसमर्पित माओवादी ऐसे हथियारों या विस्फोटकों के ठिकानों की जानकारी देता है, जिनकी बरामदगी हो सके, तो उन्हें ₹15,000 से ₹25,000 तक की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। अगर सूचना से बड़े हथियार डंप या विस्फोटक बरामद होते हैं, तो इनाम की राशि ₹1 लाख तक हो सकती है।

विवाहित माओवादी जोड़ों को मिलेगा विशेष लाभ

सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी विवाहित जोड़ों के लिए भी सहायता की घोषणा की है। यदि पति-पत्नी दोनों आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें एक इकाई मानते हुए ₹1 लाख की विवाह अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही, केंद्र सरकार की पुनर्वास योजनाओं का भी लाभ इन जोड़ों को मिलेगा।

इनामी माओवादियों को मिलेगा पूरा इनाम

सरकार की नीति के मुताबिक जो माओवादी पहले से इनामी सूची में शामिल हैं, उन्हें आत्मसमर्पण करने पर नियमों के तहत घोषित इनाम की पूरी राशि दी जाएगी। यानी अब माओवादियों के पास हिंसा का रास्ता छोड़कर सम्मान और सुरक्षित भविष्य की ओर कदम बढ़ाने का सुनहरा अवसर है।

छत्तीसगढ़ सरकार की यह नई आत्मसमर्पण नीति केवल एक सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन की पहल है। यह नीति बताती है कि राज्य अब बंदूक के साए में नहीं, बल्कि संवाद, सम्मान और समावेश के रास्ते पर माओवादियों को लाना चाहता है। शिक्षा, रोज़गार और समाज में सम्मानजनक जीवन का वादा इस नीति की सबसे बड़ी ताकत है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button