छत्तीसगढ़

Chhattisgarh Sushasan Tihar: छत्तीसगढ़ में ‘सुशासन तिहार’ बना जनसेवा का नया माध्यम, श्रमिकों और दिव्यांगों को मिल रहा त्वरित लाभ

Chhattisgarh Sushasan Tihar: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में चल रहे सुशासन तिहार के दूसरे चरण ने जनसेवा के क्षेत्र में एक

21, April, 2025 | रायपुर। Chhattisgarh Sushasan Tihar: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में चल रहे सुशासन तिहार के दूसरे चरण ने जनसेवा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। इस अभियान के तहत पारदर्शिता, जवाबदेही और जनसहभागिता के साथ जनता की समस्याओं का现场 समाधान किया जा रहा है। रायगढ़ जिले में इस पहल के माध्यम से शासन की योजनाएं तेजी से आम नागरिकों तक पहुंच रही हैं।

श्रमिकों को मिला त्वरित पंजीयन और योजनाओं की जानकारी
रायगढ़ के ननसिया गांव निवासी सुंदरलाल उरांव और अनीता बाई ने श्रमिक पंजीयन हेतु आवेदन दिया था, जिसे श्रम विभाग ने तत्काल स्वीकृत कर उन्हें श्रमिक कार्ड प्रदान किया। साथ ही उन्हें विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देने के लिए ब्रोशर और पाम्फलेट भी सौंपे गए।
इन योजनाओं में महतारी जतन योजना, छात्रवृत्ति योजना, नोनी सशक्तिकरण योजना, मृत्यु सहायता, सियान पेंशन योजना, साइकिल और सिलाई मशीन वितरण जैसी सुविधाएं शामिल हैं। सुंदरलाल उरांव ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उन्हें उम्मीद से भी पहले लाभ मिला, जिससे अब वे श्रमिक योजनाओं से जुड़कर बेहतर भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

दिव्यांग हितग्राही को मिली ट्रायसाइकिल और बैसाखी
इसी अभियान के तहत समाज कल्याण विभाग ने पुसौर विकासखंड के ओड़ेकेरा निवासी 80 प्रतिशत दिव्यांग सुदर्शन खड़िया को ट्रायसाइकिल और बैसाखी प्रदान की। सुदर्शन खड़िया लंबे समय से आवागमन में कठिनाइयों का सामना कर रहे थे। ट्रायसाइकिल पाकर उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब उन्हें कहीं भी आने-जाने में सहूलियत होगी और दूसरों पर निर्भरता कम होगी।

जनता और शासन के बीच मजबूत हो रहा संवाद
सुशासन तिहार केवल एक प्रशासनिक पहल नहीं, बल्कि यह शासन और जनता के बीच संवाद से समाधान की प्रभावशाली अवधारणा को साकार कर रहा है। जहां एक ओर लोगों की शिकायतों का समयबद्ध समाधान किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर उन्हें योजनाओं के प्रति जागरूक कर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।

जनता की भागीदारी से चल रहे इस अभियान ने साबित कर दिया है कि सुशासन केवल कागजों पर नहीं, बल्कि जमीन पर भी दिखाई दे सकता है—वह भी तत्काल और प्रभावी रूप से। यह अभियान आम लोगों में विश्वास और उम्मीद की एक नई रोशनी जगा रहा है

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