छत्तीसगढ़

नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर शाह-साय की अहम बैठक, छत्तीसगढ़ को आदर्श राज्य बनाने पर जोर

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ एक अहम बैठक कर राज्य में लागू हो रहे तीन नए आपराधिक कानूनों...

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ एक अहम बैठक कर राज्य में लागू हो रहे तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की गहन समीक्षा की। इस बैठक में कानून व्यवस्था से जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

बैठक में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेंसिक प्रणाली से संबंधित नए प्रावधानों के कार्यान्वयन की स्थिति पर चर्चा की गई। इसमें छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री, राज्य और केंद्र सरकार के आला अधिकारी, केंद्रीय गृह सचिव, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, BPR&D और NCRB के अधिकारी शामिल थे।

छत्तीसगढ़ को बनाया जाए मॉडल राज्य: अमित शाह
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तैयार किए गए तीनों नए आपराधिक कानून — भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता — का उद्देश्य देश की न्याय प्रणाली को तेज, पारदर्शी और अधिक प्रभावशाली बनाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को इन कानूनों के पूर्ण और त्वरित क्रियान्वयन को शीर्ष प्राथमिकता पर रखकर एक आदर्श राज्य के रूप में सामने आना चाहिए।

डीएसपी स्तर पर तय हो जवाबदेही
शाह ने कहा कि नए कानूनों के तहत 60 और 90 दिनों की समयसीमा के भीतर आरोप पत्र दाखिल करना अनिवार्य होगा और इसके लिए पुलिस उप अधीक्षक (DSP) स्तर के अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि इससे न केवल न्याय प्रक्रिया में गति आएगी, बल्कि आम जनता का विश्वास भी मजबूत होगा।

तकनीकी उपायों पर बल
गृह मंत्री ने बताया कि नए कानूनों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए साक्ष्य की रिकॉर्डिंग से लेकर ट्रायल तक की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जिससे मानव संसाधन की बड़ी बचत होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि NATGRID जैसी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल गंभीर अपराधों के मामलों में अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि हर पुलिस थाना और डीएसपी स्तर के अधिकारी NATGRID के इस्तेमाल को आदत में लाएं।

निगरानी व्यवस्था को लेकर दिए निर्देश
शाह ने राज्य में नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की नियमित निगरानी को आवश्यक बताते हुए सुझाव दिया:

  • मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक: हर सप्ताह समीक्षा करें
  • राज्य के गृह मंत्री: हर 15 दिन में प्रगति देखें
  • मुख्यमंत्री: हर माह पूरे राज्य की समीक्षा करें

यह बैठक छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ और आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है। नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन से राज्य की न्यायिक व्यवस्था में तेजी और पारदर्शिता आएगी, जो अंततः आम जनता को सस्ता और सुलभ न्याय दिलाने में सहायक होगी।

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