Raipur-Visakhapatnam Expressway: डिप्टी सीएम अरुण साव ने किया औचक निरीक्षण, गुणवत्ता पर जोर
Raipur-Visakhapatnam Expressway: छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने आज निर्माणाधीन रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे का अचानक निरीक्षण..
03, May, 2025 | Raipur-Visakhapatnam Expressway: छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने आज निर्माणाधीन रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे का अचानक निरीक्षण किया। उन्होंने अभनपुर पहुंचकर बन रहे ओवरब्रिज और सड़क निर्माण की गुणवत्ता का जायजा लिया। इस दौरान भारतमाला प्रोजेक्ट और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
गुणवत्ता और समय पर काम पूरा करने का निर्देश:
उपमुख्यमंत्री साव ने सबसे पहले अभनपुर में बन रहे ओवरब्रिज के काम का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों से निर्माण की गुणवत्ता के बारे में जानकारी ली और काम को तय समय सीमा में पूरा करने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने उन्हें एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी दी।
इसके बाद, डिप्टी सीएम साव भेलवाडीह गांव के पास पहुंचे, जहां उन्होंने सड़क निर्माण से संबंधित पूछताछ की। उन्होंने सड़क निर्माण में इस्तेमाल हो रही सामग्री की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि निर्माण में सभी मानकों का पालन किया जा रहा है।

एक्सप्रेसवे से छत्तीसगढ़ को होगा बड़ा लाभ:
निरीक्षण के बाद, उपमुख्यमंत्री साव ने कहा कि भारत सरकार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना राज्य के लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इस हाईवे के बनने से विशाखापट्टनम की यात्रा में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा और यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक गलियारा बनेगा।

परियोजना का विवरण:
रायपुर से विशाखापट्टनम तक 464 किलोमीटर लंबे 6 लेन एक्सप्रेसवे का ज्यादातर काम पूरा हो चुका है। यह एक्सप्रेसवे छत्तीसगढ़ को ओडिशा होते हुए आंध्र प्रदेश से जोड़ेगा। यह रायपुर को धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, कोरापुट और सब्बावरम शहरों से भी जोड़ेगा और विशाखापट्टनम बंदरगाह पर समाप्त होगा। इसका निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत किया जा रहा है।

मुआवजा घोटाला और भूमि अधिग्रहण नियम:
गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक 950 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो रहा है। इस परियोजना में रायपुर से विशाखापट्टनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्सलेन सड़क प्रस्तावित है। इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमीनें अधिग्रहित की हैं, लेकिन कई किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। विधानसभा बजट सत्र 2025 में नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद जांच का आदेश दिया गया था।
भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति से 5 लाख रुपये की जमीन ली जाती है, तो उसे 5 लाख रुपये सोलेशियम के रूप में भी दिए जाएंगे, जिससे कुल मुआवजा 10 लाख रुपये होगा। इसी तरह, 10 लाख रुपये की जमीन के लिए 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।



