छत्तीसगढ़

IG Sunderraj P on Naxalism: नक्सलियों को बस्तर IG की सीधी चेतावनी, “हमारे पास टॉप लीडर्स के ठिकानों का पता, सरेंडर ही अंतिम विकल्प”

IG Sunderraj P on Naxalism: बस्तर को केंद्र सरकार द्वारा नक्सल मुक्त घोषित किए जाने के बाद, बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक...

28, May, 2025 | जगदलपुर, छत्तीसगढ़ | IG Sunderraj P on Naxalism: बस्तर को केंद्र सरकार द्वारा नक्सल मुक्त घोषित किए जाने के बाद, बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) सुंदरराज पी. ने बुधवार को नक्सलियों को सीधी और कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि शीर्ष नक्सली नेता बसवराजू की मौत के बाद नक्सलियों को यह अच्छी तरह समझ में आ गया है कि वे बस्तर में कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।

आईजी सुंदरराज पी. ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “वे जहां भी छिपे होंगे, जवान उन्हें ढूंढ लेंगे। समर्पण ही उनके पास अंतिम विकल्प है। यदि वे समर्पण नहीं करते, तो जवानों के साथ मुठभेड़ में वे मारे जाएंगे। जब नक्सली अपने प्रमुख को नहीं बचा पाए, तो वे किसकी जान बचा पाएंगे?”

संगठन बिखर रहा है, लीडर्स के ठिकाने मालूम हैं

आईजी ने आगे कहा कि नक्सलियों का संगठन अब बिखरने लगा है और कुछ समय बाद यह ढांचा खुद ही चरमराकर गिर जाएगा। उन्होंने दावा किया, “उनके टॉप नक्सल लीडर्स के ठिकानों की जानकारी हमारे पास है और जब चाहें निर्णायक ऑपरेशन लॉन्च कर उन्हें ढेर कर देंगे।” उन्होंने बचे हुए नक्सली नेताओं जैसे गणपति, देवजी, सोनू, हिड़मा, सुजाता, के. रामचंद्र रेड्डी, और बारसे देवा को चेतावनी देते हुए कहा कि अभी भी समय है। वे हथियार छोड़कर छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास योजना का लाभ लेकर जंगल से बाहर आएं और राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल हों।

फोर्स ने तोड़ी नक्सलियों की कमर, नेतृत्वविहीन हुए कैडर

सुंदरराज पी. ने यह भी बताया कि फोर्स ने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है और अब उनके पास न तो कोई ठोस रणनीति बची है और न ही जमीन पर कोई मजबूत नेतृत्व। उन्होंने कहा, “इस स्थिति में बचे हुए नक्सली नेता अब सिर्फ अपनी जान बचाने की जुगत में लगे हैं। इसके बाद भी यदि ये नेता हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ते, तो उनका अंत बसवराजू से भी भयावह होगा।” उन्होंने बताया कि बसवराजू की मौत के बाद अब नेतृत्व का अभाव है और बचे हुए शीर्ष नक्सली नेता डरकर भूमिगत हो गए हैं, जिससे संगठन में काफी अंतर्कलह है।

निचले कैडर छोड़ रहे लीडरों का साथ

आईजी ने इस बात पर भी जोर दिया कि नक्सली नेता ‘विकल्प’ का बयान इस बात का प्रमाण है कि बसवराजू की सुरक्षा में मात्र 35 नक्सली थे, जिनमें से 28 मुठभेड़ में मारे गए और शेष 8 अपनी जान बचाकर भाग गए। उन्होंने कहा, “हर मुठभेड़ के बाद यह बात सामने आ रही है कि निचला कैडर अपने लीडर को मरने के लिए छोड़कर भाग रहा है। कभी जिन स्थानीय नक्सलियों का तेलुगु कैडर शोषण किया करते थे, अब वही कैडर लीडर को नहीं बचा रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि नक्सल लीडर अब अकेले पड़ चुके हैं और जंगल में मारे जा रहे हैं।”

आईजी की यह चेतावनी दर्शाती है कि सुरक्षा बल अब नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक बढ़त बना चुके हैं और जल्द ही पूरे क्षेत्र से नक्सलवाद का सफाया करने का लक्ष्य पूरा कर लेंगे।

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