Chhattisgarh Elephant Attack: छत्तीसगढ़ में वन्यजीवों का कहर, एक तरफ सियार का हमला, दूसरी ओर हाथियों का उत्पात, ग्रामीणों में दहशत
Chhattisgarh Elephant Attack: छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से वन्यजीव हमलों की चिंताजनक खबरें सामने आ रही हैं। कवर्धा जिले के खड़ौदा खुर्द गांव में जहां एक सियार ने जंगल में...

Chhattisgarh Elephant Attack: छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से वन्यजीव हमलों की चिंताजनक खबरें सामने आ रही हैं। कवर्धा जिले के खड़ौदा खुर्द गांव में जहां एक सियार ने जंगल में महुआ बीनने गए ग्रामीणों पर हमला कर दिया, वहीं सरगुजा के मैनपाट क्षेत्र में 14 हाथियों के झुंड ने ग्रामीणों के घर में घुसकर न सिर्फ तोड़फोड़ की, बल्कि घर में रखा अनाज भी खा गए। इन दोनों घटनाओं के बाद स्थानीय लोगों में डर और बेचैनी का माहौल है।
सियार ने जंगल में किया हमला, पांच ग्रामीण घायल
कवर्धा जिले के खड़ौदा खुर्द गांव में शुक्रवार की सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब कुछ ग्रामीण, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, जंगल में महुआ बीनने गए थे। तभी एक सियार ने अचानक हमला कर दिया। इस हमले में दो महिलाओं सहित पांच लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि यह घटना इतनी अचानक हुई कि ग्रामीणों को संभलने का मौका तक नहीं मिला और सियार ने एक-एक करके उन पर हमला करना शुरू कर दिया।
ग्रामीणों ने एक-दूसरे की मदद से किसी तरह जान बचाई और घायलों को तत्काल गांव लाकर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। वन विभाग को इस घटना की जानकारी दे दी गई है और क्षेत्र में सियार की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए निगरानी बढ़ाई जा रही है।
मैनपाट में हाथियों का कहर, घर को तोड़ खाया अनाज
सरगुजा जिले के मैनपाट वन परिक्षेत्र अंतर्गत उडुमकेला गांव में बीती रात 14 हाथियों के एक झुंड ने जमकर उत्पात मचाया। यह दल रहवासी इलाके में घुस आया और एक ग्रामीण के घर को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। बताया गया है कि हाथियों ने घर की दीवारें तोड़ दीं और अंदर रखा अनाज पूरी तरह खा गए।
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। विभाग की ओर से ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि वे हाथियों के पास न जाएं और पूरी तरह सतर्क रहें। उधर, ग्रामीणों में डर का माहौल बना हुआ है, क्योंकि हाथियों का झुंड अब भी गांव के आसपास मंडरा रहा है।
लगातार बढ़ रही हैं वन्यजीवों की घटनाएं
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कुछ महीनों से वन्यजीवों के हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। कभी बाघ और तेंदुए की मौजूदगी, तो कभी हाथियों और सियारों का हमला – इन घटनाओं ने न सिर्फ लोगों की जान को खतरे में डाला है, बल्कि उनकी आजीविका और जीवनशैली पर भी असर डाला है।
प्रशासन और वन विभाग अलर्ट मोड पर
इन घटनाओं के बाद वन विभाग ने दोनों जिलों में सतर्कता बढ़ा दी है। जहां एक ओर हाथियों की निगरानी के लिए टीम को सक्रिय किया गया है, वहीं दूसरी ओर सियार के हमले को लेकर भी इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे जंगलों में अकेले न जाएं और किसी भी वन्यजीव की गतिविधि दिखने पर तुरंत सूचना दें।
ग्रामीणों की मांग है कि सरकार वन्यजीव हमलों से सुरक्षा के लिए विशेष योजना बनाए और प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द मुआवजा व राहत प्रदान की जाए।



