छत्तीसगढ़

Sushasan Tihar 2025 का समापन: धमतरी के रुद्री गांव पहुंचे सीएम साय, जनता की समस्याएं सुनीं और 213 करोड़ की सौगातें दीं

Sushasan Tihar 2025: जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू किए गए विशेष अभियान 'सुशासन तिहार' के तीसरे...

धमतरी, छत्तीसगढ़ | Sushasan Tihar 2025: जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू किए गए विशेष अभियान ‘सुशासन तिहार’ के तीसरे चरण का आज समापन हो गया। इस अभियान के अंतिम दिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय धमतरी जिले के रुद्री गांव पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। रिमझिम बारिश के बावजूद, बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्याएं लेकर समाधान शिविर में पहुंचे और उत्साहपूर्वक भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने सुनीं समस्याएं और दिए निर्देश

पुराने कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित समाधान शिविर में मुख्यमंत्री इनडोर स्टेडियम से सीधे पहुंचे। उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया और आम जनता से सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सीधे फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शिविर में प्राप्त आवेदनों का प्राथमिकता से और समयबद्ध तरीके से निराकरण किया जाए, ताकि लोगों को तत्काल समाधान मिल सके।

इस समाधान शिविर में मुख्यमंत्री साय के साथ वन मंत्री केदार कश्यप, कांकेर लोकसभा सांसद भोजराज नाग, महासमुंद लोकसभा सांसद रूप कुमारी चौधरी और प्रभारी मंत्री टंक राम वर्मा भी शामिल हुए।

सीएम साय ने धमतरी को दी 213 करोड़ की सौगातें

रुद्री गांव में लोगों की समस्याएं सुनने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने धमतरी जिले के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जिनकी कुल लागत 213 करोड़ रुपये है:

  • धमतरी में हाईटेक बस स्टैंड का निर्माण किया जाएगा, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।
  • सर्वसुविधायुक्त ऑडिटोरियम का निर्माण होगा, जिससे सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजनों को बढ़ावा मिलेगा।
  • सिहावा चौक से कोलियारी तक सड़क का निर्माण किया जाएगा, जिससे आवागमन सुगम होगा।
  • रत्नाबन्धा से मुजगहन तक सड़क का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
  • धमतरी से नगरी मुख्य मार्ग के मजबूतीकरण का कार्य किया जाएगा, जिससे सड़क की गुणवत्ता बेहतर होगी।

‘सुशासन तिहार’ का गोपनीय दौरा

बता दें कि 5 मई से शुरू हुए ‘सुशासन तिहार’ का यह तीसरा चरण था। इस विशेष अभियान के दौरान मुख्यमंत्री का दौरा पूरी तरह गोपनीय रखा गया था। स्थानीय प्रशासन से लेकर आम जनता तक, किसी को भी पहले से यह जानकारी नहीं होती कि मुख्यमंत्री साय कब और कहां पहुंचेंगे, जिससे वे वास्तविक स्थिति का आकलन कर सकें और जनता से सीधा संवाद स्थापित कर सकें।

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