छत्तीसगढ़

Chhattisgarh Liquor Scam: कारोबारी विजय भाटिया की रिमांड के लिए EOW-ACB फिर अदालत पहुंचेगी, 2000 करोड़ के घोटाले की जांच में जुटी एजेंसियां

Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित आबकारी घोटाले में गिरफ्तार किए गए कारोबारी विजय भाटिया को रायपुर...

02, June, 2025 | रायपुर। Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित आबकारी घोटाले में गिरफ्तार किए गए कारोबारी विजय भाटिया को रायपुर की केंद्रीय जेल से विशेष अदालत में पेश किया गया। हालांकि, विशेष अदालत के न्यायाधीश के छुट्टी पर होने के कारण अब उनकी पेशी किसी अन्य अदालत में कराई जाएगी।

इस हाई-प्रोफाइल मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने विजय भाटिया की 9 जून 2025 तक की रिमांड मांगी है ताकि घोटाले के अन्य पहलुओं की गहन जांच की जा सके।

दिल्ली से हुई थी गिरफ्तारी, रायपुर लाकर अदालत में पेश किया गया

गौरतलब है कि EOW और ACB की संयुक्त टीम ने विजय भाटिया को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। इसके बाद 1 जून 2025 को उन्हें रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया था। उस समय जांच एजेंसियों ने भाटिया की 14 दिन की रिमांड की मांग की थी, लेकिन अदालत के अधिकार क्षेत्र की सीमा के चलते केवल एक दिन की न्यायिक रिमांड मंजूर की गई।

अब एजेंसियां आज एक बार फिर अदालत में पेशी कर भाटिया को लंबी रिमांड पर लेने की कोशिश करेंगी, जिससे पूछताछ के जरिए घोटाले से जुड़े अन्य चेहरों, लेन-देन और अवैध नेटवर्क का पता लगाया जा सके।

2000 करोड़ के घोटाले में भाटिया की अहम भूमिका

विजय भाटिया पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी शराब कंपनियों और सप्लायर्स के साथ सांठगांठ कर कमीशनखोरी और अवैध शराब बिक्री के जरिए सरकार को 2000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया।

एजेंसियों के मुताबिक, भाटिया ने न सिर्फ अवैध रूप से शराब का वितरण करवाया, बल्कि सरकारी सिस्टम में भी कई प्रभावशाली लोगों को शामिल कर पूरी सप्लाई चेन को भ्रष्टाचार से जोड़ दिया।

सहयोगियों और फर्मों की भी चल रही जांच

जांच एजेंसियां अब भाटिया के करीबी सहयोगियों, पार्टनर फर्मों और आर्थिक लेन-देन से जुड़ी जानकारियां खंगाल रही हैं। इसके लिए देशभर में कई ठिकानों पर छापेमारी भी की जा रही है।

माना जा रहा है कि विजय भाटिया से पूछताछ में राजनीतिक और प्रशासनिक गठजोड़ के कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि किस तरह से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर शराब कारोबार में नियमों को ताक पर रखकर अरबों का घोटाला अंजाम दिया गया।

क्या हो सकते हैं अगले कदम?

EOW-ACB को उम्मीद है कि रिमांड मिलने के बाद वे भाटिया से गहराई से पूछताछ कर सकेंगे। जांच एजेंसियां इस बात की तह तक जाना चाहती हैं कि शराब घोटाले की मुख्य रणनीति, फंड फ्लो और राजनीतिक संरक्षण किस स्तर तक फैला हुआ है।

अगले कुछ दिनों में इस मामले में नए खुलासे और और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं, जिससे यह घोटाला छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासन में भूकंप ला सकता है।

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