छत्तीसगढ़

चिंतन शिविर 2.0: विकसित भारत 2047 के संकल्प को साकार करने छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा कदम, रायपुर में दो दिवसीय शिविर शुरू

चिंतन शिविर 2.0: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज से चिंतन शिविर 2.0 की शुरुआत हो गई है। यह दो दिवसीय आयोजन

चिंतन शिविर 2.0: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज से चिंतन शिविर 2.0 की शुरुआत हो गई है। यह दो दिवसीय आयोजन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में हो रहा है, जिसका उद्देश्य है—विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने में छत्तीसगढ़ की भूमिका को मजबूत बनाना। यह शिविर राज्य सरकार के मंत्रियों के लिए एक ऐसा मंच है, जहां वे न केवल अपने विभागीय अनुभव साझा करेंगे, बल्कि शासन, पारदर्शिता, तकनीकी नवाचार और जनसेवा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन मंथन भी करेंगे।

आत्ममंथन और सीखने का मंच बना IIM रायपुर

यह शिविर रायपुर स्थित IIM कैंपस में आयोजित हो रहा है और इसे एक सामान्य बैठक की बजाय एक रणनीतिक कार्यशाला के रूप में देखा जा रहा है। बीते डेढ़ साल के शासनकाल की समीक्षा करने के साथ-साथ मंत्रीगण आगे की योजनाओं की दिशा भी तय करेंगे। इसमें हर मंत्री को अपने विभाग से जुड़े नवाचार, जनसेवा के अनुभव, और आम जनता पर पड़े प्रभाव के बारे में खुलकर बोलने का अवसर मिल रहा है।

सेवा, संकल्प और सीख पर केंद्रित विशेष सत्र

शिविर के प्रमुख थीम हैं—सेवा, संकल्प और सीख। इन पर केंद्रित सत्रों में देशभर से आमंत्रित विषय विशेषज्ञ मंत्रियों को सुशासन, पारदर्शिता, डिजिटल गवर्नेंस, सांस्कृतिक जागरूकता और राष्ट्र निर्माण जैसे विषयों पर मार्गदर्शन देंगे। उद्देश्य है—सरकारी व्यवस्था को अधिक जवाबदेह, संवेदनशील और परिणाममुखी बनाना।

सुशासन से निर्वाचन तक: नीति निर्माण में पारदर्शिता की चर्चा

शिविर का एक प्रमुख आकर्षण है “सुशासन से निर्वाचन तक” विषय पर आधारित सत्र। इस सत्र में नीति निर्माण में जनहित, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व जैसे मुद्दों पर मंथन होगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात का अनुभव भी मंत्रियों से साझा करेंगे, ताकि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सके।

बस्तर मॉडल की चर्चा और ज़मीनी अनुभवों की प्रस्तुति

शिविर के एक अहम सत्र में बस्तर जैसे पिछड़े क्षेत्रों में आ रहे बदलावों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। पर्यटन, स्वरोजगार और बुनियादी ढांचे में बस्तर ने हाल के वर्षों में जो प्रगति की है, उसकी चर्चा करते हुए यह समझने की कोशिश होगी कि विकास राजधानी तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे राज्य में समान रूप से फैले।

मंत्रीगण अपने निरीक्षण, दौरे और योजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़ी जमीनी कहानियों को साझा कर रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट हो कि शासन की नीतियां आम जनता के जीवन को वास्तव में कैसे प्रभावित कर रही हैं।

मुख्यमंत्री साय की स्पष्ट सोच: मंत्री केवल प्रशासक नहीं, जनसेवक बनें

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट किया है कि मंत्रीगण केवल विभागीय प्रमुख नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा के प्रेरक, सहभागी, और जनता के प्रति जवाबदेह जनसेवक हैं। चिंतन शिविर 2.0 एक ऐसा अवसर है, जहां हर मंत्री आत्ममंथन कर सकता है कि अब तक लिए गए फैसले कितने प्रभावी रहे हैं और आगे की दिशा क्या होनी चाहिए।

चिंतन शिविर 2.0 न केवल छत्तीसगढ़ सरकार की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन है, बल्कि यह भविष्य की दिशा तय करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम भी है। विकसित भारत @2047 के लक्ष्य में छत्तीसगढ़ की भूमिका क्या होगी, इस पर ठोस रणनीति बनाने के लिए यह शिविर नींव का पत्थर साबित हो सकता है।

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