रिसाली नगर निगम में कांग्रेस को एक और झटका, MIC सदस्य डॉ. सीमा साहू BJP में शामिल, सांसद विजय बघेल ने दिलाई सदस्यता
छत्तीसगढ़ के रिसाली नगर निगम में कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं। पार्टी की महिला नेता और वार्ड क्रमांक 28 वीआईपी नगर की...

12, June, 2025 | रिसाली। छत्तीसगढ़ के रिसाली नगर निगम में कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं। पार्टी की महिला नेता और वार्ड क्रमांक 28 वीआईपी नगर की पार्षद व एमआईसी सदस्य डॉ. सीमा साहू ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली है। उन्होंने दुर्ग सांसद विजय बघेल के निवास पर पहुंचकर भाजपा की सदस्यता ली। इस दौरान दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर, भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक भी मौजूद रहे।
यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस के पार्षद भाजपा में शामिल हुए हों। इससे पहले भी चार कांग्रेस पार्षदों ने महापौर से असंतुष्टि जताकर बीजेपी की राह पकड़ी थी। अब डॉ. सीमा साहू के पार्टी बदलने से कांग्रेस की अंदरूनी कलह एक बार फिर उजागर हो गई है।
महापौर पद से वंचित रहने से थी नाराज
डॉ. सीमा साहू महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रभारी थीं और निगम की कार्यकारिणी (MIC) की सदस्य भी थीं। जब महापौर पद अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हुआ, तब उन्हें इस पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू से पारिवारिक संबंध होने के कारण पार्टी में उनका कद भी बड़ा माना जाता था। लेकिन कांग्रेस ने शशि सिन्हा को महापौर पद का प्रत्याशी बनाकर चौंका दिया।
इसके बाद से ही डॉ. सीमा साहू पार्टी से असंतुष्ट चल रही थीं। उन्होंने पहले भी कई मौकों पर महापौर के कामकाज और नेतृत्व शैली पर नाराजगी जताई थी।
महापौर से असंतोष बना पार्टी छोड़ने की वजह
सीमा साहू ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते समय कहा कि, “नगर निगम की महापौर को जिस तरह एमआईसी सदस्य और पार्षदों के साथ समन्वय बनाकर काम करना चाहिए, वैसा देखने को नहीं मिला।” उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले भी कई पार्षदों ने यही कारण बताते हुए कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था।
BJP को मिल रहा विपक्षी असंतोष का फायदा
रिसाली नगर निगम में कांग्रेस का बहुमत रहा है, लेकिन लगातार पार्षदों का पार्टी छोड़ना उसकी स्थिति को कमजोर कर रहा है। वहीं भाजपा इस अवसर का लाभ उठाकर निगम क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है। डॉ. सीमा साहू जैसी जमीनी नेता की घर वापसी से भाजपा को न सिर्फ निगम में बल मिला है, बल्कि राजनीतिक संदेश भी गया है कि कांग्रेस में भीतरघात और असंतोष गहराता जा रहा है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आने वाले समय में और भी कांग्रेस पार्षद भाजपा में शामिल होते हैं या पार्टी अपने नेताओं को साधने में कामयाब होती है। फिलहाल रिसाली नगर निगम की सियासत एक बार फिर गरमा गई है।



