छत्तीसगढ़

सरकार का 230 करोड़ का बिजली बिल बकाया! विद्युत विभाग ने पूछा – कब करेंगे भुगतान?

छत्तीसगढ़ की विद्युत वितरण कंपनी (सीएसपीडीसीएल) के बिलासपुर सिटी सर्किल पर बकाया बिजली बिलों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस सर्किल का...

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की विद्युत वितरण कंपनी (सीएसपीडीसीएल) के बिलासपुर सिटी सर्किल पर बकाया बिजली बिलों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस सर्किल का सबसे बड़ा बकायेदार खुद नगर निगम बन गया है, जिसका बिजली बिल अब 230 करोड़ रुपए से अधिक हो चुका है। चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले डेढ़ साल से निगम ने एक भी रुपया जमा नहीं किया है।

बिजली बिल की अदायगी नहीं, बकाया में करोड़ों की बढ़ोत्तरी

सिटी सर्किल के अनुसार, निगम ने अपने विभिन्न उपयोगों – जैसे कार्यालय, स्ट्रीट लाइट, गार्डन, सामुदायिक भवन, खेल मैदान और वाटर वर्क्स आदि के लिए बिजली कनेक्शन ले रखे हैं। इन सभी कनेक्शनों पर हर महीने लगभग 2 करोड़ रुपए का बिजली बिल जारी किया जाता है। लेकिन भुगतान न होने के चलते इस पर सरचार्ज भी जुड़ता जा रहा है। ऐसे में प्रत्येक माह करोड़ों का इजाफा हो रहा है।

बकाया वसूली में विद्युत कंपनी को मुश्किलें

बिलासपुर सिटी सर्किल के अंतर्गत आने वाले सात जोनों (पूर्व और पश्चिम) में सभी श्रेणियों का कुल बकाया बिजली बिल अब 290 करोड़ 58 लाख रुपए तक पहुंच गया है। इसमें सबसे ज्यादा हिस्सा अकेले नगर निगम का है, जो 230.47 करोड़ रुपए है। इसके अलावा सरकारी विभागों पर 16.52 करोड़, और अन्य उपभोक्ताओं पर 43.59 करोड़ की बकाया राशि है।

वित्तीय वर्ष में भी नहीं मिली राहत

हर साल की तरह इस वित्तीय वर्ष के अंत में भी उम्मीद थी कि नगरीय प्रशासन विभाग के माध्यम से नगर निगम कुछ भुगतान करेगा, लेकिन इस साल एक भी रुपए का भुगतान नहीं किया गया। पहले निगम कम से कम 10 से 15 करोड़ रुपए सालाना अंशदान करता था, लेकिन इस बार पूरी तरह से चुप्पी साध ली गई।

कोविड काल में भी नहीं हुआ था भुगतान

यह पहला मौका नहीं है जब निगम ने बिजली बिल को अनदेखा किया हो। कोविड महामारी के समय भी दो साल तक बिजली बिल नहीं जमा किया गया था। नतीजा ये हुआ कि अब सरचार्ज और मूल राशि मिलाकर बकाया 230 करोड़ के पार पहुंच गया है।

कंपनी चला रही वसूली अभियान, लेकिन असर नहीं

विद्युत वितरण कंपनी लगातार बकाया वसूली के लिए अभियान चला रही है। नोटिस, फील्ड विजिट और मीटिंग्स के बावजूद भुगतान नहीं मिल रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगर समय रहते बकाया राशि नहीं चुकाई गई, तो कार्रवाई करना मजबूरी बन जाएगी।

बकाया का विस्तृत ब्योरा:

  • नगर निगम: ₹230.47 करोड़

  • अन्य सरकारी विभाग: ₹16.52 करोड़

  • अन्य उपभोक्ता: ₹43.59 करोड़

  • कुल बकाया: ₹290.58 करोड़

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