CG VIDHANSABHA | सदन में तू-तू मैं-मैं! मंत्री के बयान पर भिड़े मूणत-देवेंद्र, स्पीकर को करनी पड़ी सख्त चेतावनी

रायपुर, 15 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन जलग्रहण मिशन को लेकर प्रश्नकाल गरमा गया। पीडब्ल्यूडी, नगरीय प्रशासन और पीएचई मंत्री अरुण साव के जवाब को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों में जमकर बहस हुई। पूर्व मंत्री धरमलाल कौशिक और कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने मंत्री पर पुराने बयान से पलटने का आरोप लगाया, जिससे सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया।
ठेकेदार भुगतान पर उठा सवाल
धरमलाल कौशिक ने मंत्री अरुण साव के कथित पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा कि “जहां काम पूरा नहीं हुआ है, वहां 60% से अधिक का भुगतान नहीं होना चाहिए।” कौशिक ने सवाल उठाया कि फिर 80-85% भुगतान कैसे हो गया? इस पर मंत्री ने साफ इंकार किया कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था।
सदन में भिड़े मूणत और देवेंद्र
देवेंद्र यादव ने मंत्री के बयान को विधानसभा कार्यवाही के दस्तावेज से साबित करने की कोशिश की। इसी दौरान सत्तापक्ष के विधायक राजेश मूणत आपा खो बैठे और दोनों विधायकों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। मामला इतना बिगड़ गया कि दोनों ने एक-दूसरे पर उंगली उठाई और बहस हाथापाई की ओर बढ़ने लगी। ऐसे में स्पीकर डॉ. रमन सिंह को आसंदी से उठकर बीच-बचाव करना पड़ा।
25 साल में पहली बार ऐसा दृश्य
राज्य गठन के बाद विधानसभा के 25 वर्षों के इतिहास में यह पहला मौका रहा जब सदन में इतनी तीव्रता से असंसदीय भाषा और व्यवहार देखा गया। स्पीकर को एक ही प्रश्नकाल में दो बार खड़ा होकर हस्तक्षेप करना पड़ा।
स्पीकर की सख्त चेतावनी
डॉ. रमन सिंह ने असंसदीय शब्दों को कार्यवाही से विलोपित करने की घोषणा की और सभी सदस्यों को मर्यादा में रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “यह सड़क नहीं है। आप जनता की समस्या उठाने आए हैं, भाषण देने या लड़ने नहीं। प्रश्नकाल लाइव होता है, पूरा देश देखता है।”
उन्होंने रजत जयंती वर्ष की गरिमा बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि सभी सदस्य आसंदी की ओर देखकर अपनी बात रखें, एक-दूसरे पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने से बचें।



