SHUBHANSHU SHUKLA : भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक वापसी, 18 दिन की अंतरिक्ष यात्रा में जुटाया अमूल्य अनुभव

रायपुर/नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने 18 दिन की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) यात्रा सफलतापूर्वक पूरी कर धरती पर लौट आए हैं। यह उनकी पहली अंतरिक्ष यात्रा थी, जो एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) का हिस्सा रही। इस मिशन के दौरान उन्होंने वैज्ञानिक प्रयोगों से लेकर जन संवाद और भारत के गगनयान मिशन के लिए अहम अनुभव भी जुटाए।
वैज्ञानिक प्रयोग जो भारत के काम आएंगे
25 जून को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुए शुभांशु ने 26 जून को ISS में प्रवेश किया। इस यात्रा के दौरान उन्होंने कुल 60 वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें 7 ISRO के विशेष प्रयोग शामिल थे:
1. मायोजेनेसिस – अंतरिक्ष में मांसपेशियों की कमजोरी को समझना और रोकने के उपाय।
2. टार्डिग्रेड्स अध्ययन – सूक्ष्म जीवों की क्षमता को समझना जो चरम परिस्थितियों में जीवित रहते हैं।
3. बीज अंकुरण – मेथी और मूंग जैसे बीजों को अंतरिक्ष में अंकुरित करना।
4. साइनोबैक्टीरिया – अंतरिक्ष में ऑक्सीजन और ईंधन उत्पादन के लिए शोध।
5. माइक्रोएल्गे – भोजन, बायोफ्यूल और ऑक्सीजन उत्पादन की संभावनाएं।
6. क्रॉप सीड्स – छह प्रकार की फसल बीजों की अंतरिक्ष में वृद्धि और पृथ्वी पर परीक्षण।
7. वॉयेजर डिस्प्ले प्रयोग – माइक्रोग्रैविटी में कंप्यूटर स्क्रीन के असर का अध्ययन।
इसके अलावा, उन्होंने रेडिएशन, हड्डियों और मानसिक स्वास्थ्य पर भी कई उपयोगी शोध किए।
गगनयान मिशन की दिशा में अहम कदम
शुभांशु की यह यात्रा भारत के 2027 में प्रस्तावित गगनयान मिशन की तैयारी के रूप में देखी जा रही है। उन्होंने अंतरिक्ष में रहकर कार्य करना, आपातकालीन स्थिति का प्रबंधन और टीम वर्क का प्रशिक्षण लिया।
जनता से संवाद और प्रेरणा
शुभांशु ने 28 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वीडियो कॉल के जरिए बातचीत की और अंतरिक्ष से मिले अनुभव साझा किए। साथ ही 4 और 8 जुलाई को उन्होंने स्कूली बच्चों से रेडियो पर बात की और बताया कि अंतरिक्ष से देखने पर धरती पर कोई सीमा नहीं दिखती।
दिनचर्या और अनुभव
अंतरिक्ष में शुभांशु की दिनचर्या काफी व्यस्त रही। वे सुबह से लेकर शाम तक वैज्ञानिक परीक्षण, डेटा रिकॉर्डिंग, भोजन, व्यायाम और टीम समन्वय में लगे रहे। उनका छोटा खिलौना हंस “जॉय” उनके साथ रहा, जो जीरो ग्रैविटी इंडिकेटर के रूप में इस्तेमाल हुआ।



