MUMBAI TRAIN BLAST | महाराष्ट्र सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची …

नई दिल्ली/मुंबई। 2006 मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट मामले में महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई की मांग की और कहा कि यह मामला राज्य सरकार के लिए बेहद अहम है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 24 जुलाई की तारीख तय कर दी।
हाईकोर्ट ने 12 आरोपियों को बरी किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को 19 साल बाद विशेष टाडा न्यायालय के फैसले को पलटते हुए सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा। जस्टिस अनिल किलोर और जस्टिस श्याम चांडक की विशेष पीठ ने कहा कि अभियोजन द्वारा पेश किए गए सबूत विश्वसनीय और निर्णायक नहीं थे।
2006 में हुआ था भीषण हमला
11 जुलाई, 2006 को मुंबई की पश्चिमी लाइन पर सात स्थानों पर लोकल ट्रेनों में सिलसिलेवार धमाके हुए थे, जिनमें 180 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। विशेष अदालत ने 2015 में 12 में से 5 आरोपियों को मृत्युदंड और 7 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। मृत्युदंड पाए एक आरोपी की 2021 में मृत्यु हो चुकी है।
जांच एजेंसी को झटका
हाईकोर्ट का फैसला महाराष्ट्र एटीएस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। एटीएस ने आरोप लगाया था कि आरोपी सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे और उन्होंने मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया।



