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CG LIQUOR SCAM | घोटालों में घिरे भूपेश बघेल ने ली सुप्रीम कोर्ट की शरण

 

रायपुर/नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शराब घोटाला, कोयला घोटाला और महादेव सट्टा ऐप जैसे बड़े मामलों की जांच कर रहीं ED, EOW और CBI के शिकंजे में आए बघेल ने आशंका जताई है कि उन्हें भी उनके बेटे चैतन्य बघेल की तरह राजनीतिक बदले की भावना से फंसाया जा सकता है।

बेटे की गिरफ्तारी के बाद बढ़ी कानूनी चिंता

बता दें कि 20 जुलाई को ED ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। वह इस समय रायपुर जेल में न्यायिक रिमांड पर हैं। चैतन्य ने भी सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई है और दावा किया है कि न तो उसका नाम FIR में है और न ही किसी गवाह ने उसका नाम लिया है।

5 महीने पहले ED का बघेल परिवार पर छापा

ED ने शराब घोटाले की जांच के दौरान भूपेश बघेल के भिलाई स्थित घर पर करीब 10 घंटे तक छापा मारा था। इस दौरान 33 लाख रुपये नकद और दस्तावेज जब्त किए गए थे। ED की छापेमारी के दौरान काफी हंगामा और पथराव भी हुआ था।

2100 करोड़ का शराब घोटाला, चैतन्य को लाभ पहुंचाने के आरोप

ED के मुताबिक, चैतन्य बघेल को इस शराब घोटाले से लाभ मिला। शराब कारोबारी पप्पू बंसल ने अपने बयान में कहा है कि उसने और चैतन्य ने मिलकर 1000 करोड़ की रकम को हैंडल किया। इसमें से 100 करोड़ कैश केके श्रीवास्तव को दिए गए।

घोटाले की रकम से निवेश के आरोप

चैतन्य बघेल की कंपनी ‘बघेल डेवलपर्स’ के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट में कथित रूप से घोटाले का पैसा निवेश हुआ। एक ही दिन में 19 फ्लैट की खरीद, 5 करोड़ कैश लोन, और बेनामी ट्रांजेक्शन के जरिए ब्लैक मनी को व्हाइट करने का आरोप है।

महादेव सट्टा ऐप और कोयला घोटाले में भी जांच

CBI ने भी महादेव सट्टा ऐप और कोयला घोटाले के सिलसिले में बघेल और उनके करीबियों के ठिकानों पर रेड मारी थी। जांच एजेंसियों ने IAS, IPS अधिकारियों के घरों में भी दस्तक दी।

सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई संभव

अब भूपेश बघेल और उनके बेटे की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई हो सकती है। यह मामला न सिर्फ एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है, बल्कि छत्तीसगढ़ की आगामी सियासत की दिशा भी तय कर सकता है।

 

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