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BHUPESH BAGHEL | भूपेश बघेल की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, PMLA की धारा 44 को दी चुनौती

 

नई दिल्ली/रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल की ओर से प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामलों को लेकर दाखिल याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। याचिका में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 44 को चुनौती दी गई है। बघेल की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पक्ष रखेंगे।

मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्ज्वल भूयान और जस्टिस नोंगमेइकापम कोटिस्वर सिंह की तीन सदस्यीय पीठ करेगी। इससे पहले 4 अगस्त को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने हाईकोर्ट जाने की बात कही थी, लेकिन कपिल सिब्बल ने दलील दी कि PMLA की धारा 44 पर पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, जिसमें बघेल की याचिका को भी जोड़ा गया है।

बिना कोर्ट अनुमति के जांच पर सवाल

भूपेश बघेल ने मंगलवार को मीडिया से चर्चा में ईडी की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि धारा 44 के तहत एक बार चालान पेश होने के बाद दोबारा जांच के लिए कोर्ट की अनुमति अनिवार्य है, लेकिन ईडी ने आज तक किसी मामले में ऐसी अनुमति नहीं ली। धारा 50 के तहत आरोपी से ही गवाही लेने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जो न्यायिक सिद्धांतों के खिलाफ है।

“विजय शर्मा ED के प्रवक्ता बन गए”

बघेल ने डिप्टी सीएम विजय शर्मा पर भी पलटवार करते हुए कहा कि वे ईडी के प्रवक्ता की तरह बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “जिसके खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट है, वह खुलेआम घूम रहा है और उनके बयान के आधार पर मेरे बेटे की गिरफ्तारी हो जाती है, ये कौन सी प्रक्रिया है?”

पहले भी उठ चुका है मामला

बघेल ने बताया कि 4 अगस्त को इस मामले में आधे घंटे बहस हुई थी। उन्होंने चैतन्य बघेल मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि पुराने मामलों को दोबारा उठाकर नई तरह से पूछताछ और गिरफ्तारी की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले में हाईकोर्ट जाने की छूट दी है।

 

 

 

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