CHHATTISGARH | सिर्फ शक पर नहीं होगी सजा – सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हाईकोर्ट का फैसला

रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट द्वारा हत्या के एक मामले में दी गई सजा को पलटते हुए कहा है कि केवल आरोपी का व्यवहार या आचरण उसके दोष सिद्ध करने के लिए पर्याप्त नहीं है। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब तक आरोपी के खिलाफ ठोस और विश्वसनीय सबूत न हों, तब तक उसे दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
जनवरी में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए आरोपी को हत्या के मामले में दोषी करार दिया था। इसके खिलाफ आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह फैसला कानूनी दृष्टि से सही नहीं है और आरोपी को संदेह का लाभ मिलना चाहिए।
मामले में ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को हत्या का दोषी ठहराकर सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने आंशिक रूप से बदलते हुए गैर-इरादतन हत्या करार दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि हाईकोर्ट ने मेडिकल साक्ष्यों की समीक्षा करने के बाद उन्हें सीधे उस एफआईआर से जोड़ दिया, जो खुद आरोपी ने दर्ज कराई थी, यह न्यायिक दृष्टि से उचित नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, “केवल संदेह के आधार पर दोष सिद्ध नहीं किया जा सकता। आरोपी का आचरण तभी उसके खिलाफ गिना जा सकता है, जब इसे ठोस साक्ष्यों के साथ जोड़ा जाए।”



