NOBEL PEACE PRIZE 2025 | वेनेजुएला की मारिया माचाडो को मिला 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार

ओस्लो। साल 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की लोकतंत्र समर्थक नेता मारिया कोरिना माचाडो को दिया गया है। उन्हें यह सम्मान तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण परिवर्तन और नागरिक अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष के लिए प्रदान किया गया।
नोबेल समिति ने कहा कि मारिया माचाडो ने “लैटिन अमेरिका में नागरिक साहस की प्रेरक मिसाल” पेश की है। उन्होंने विभाजित विपक्ष को एकजुट किया, स्वतंत्र चुनावों की मांग को मजबूत किया और लोकतांत्रिक व्यवस्था की पुनर्स्थापना के लिए अहिंसक आंदोलन का नेतृत्व किया।
मारिया माचाडो ने 20 साल पहले ‘सुमाते’ संगठन की स्थापना की थी, जो स्वतंत्र चुनाव और लोकतांत्रिक विकास के लिए कार्य करता है। वे हमेशा इस सिद्धांत पर अडिग रहीं कि “गोलियों के बजाय मतपत्र ही असली ताकत है।”
2024 के चुनाव से पहले उन्हें विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया गया था, लेकिन सरकार ने उनकी उम्मीदवारी को रोक दिया। इसके बावजूद, उन्होंने एडमुंडो गोंजालेज उरुतिया को समर्थन दिया और पारदर्शी चुनाव के लिए लाखों स्वयंसेवकों को जोड़ा।
उत्पीड़न, गिरफ्तारी और धमकियों के बावजूद नागरिकों ने मतदान की रक्षा की और मतगणना के आंकड़े सार्वजनिक किए, जिनसे साबित हुआ कि विपक्ष ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया। हालांकि, सरकार ने नतीजे स्वीकार नहीं किए और सत्ता पर काबिज रही।
नोबेल समिति ने कहा कि “लोकतंत्र ही शांति की पहली शर्त है। जब दुनिया में लोकतंत्र कमजोर पड़ रहा है, ऐसे में मारिया जैसी नेता उम्मीद की किरण हैं।”
बीते एक वर्ष से जान का खतरा झेल रही माचाडो को छिपकर रहना पड़ा, लेकिन उन्होंने देश नहीं छोड़ा। उनके साहस ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है।
नोबेल समिति ने कहा कि मारिया ने अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के तीनों सिद्धांतों को पूरा किया है –
विपक्ष को एकजुट किया,
सैन्यीकरण का विरोध किया,
लोकतंत्र के लिए शांतिपूर्ण परिवर्तन का समर्थन किया।
मारिया कोरिना माचाडो आज उस भविष्य की प्रतीक बन गई हैं, जहां नागरिकों की आवाज और अधिकार सुरक्षित हैं।



