
नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और मतदाता सूची पर राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार और झूठे हैं। अगर उनके पास इन दावों का सबूत है तो उन्हें 7 दिन के भीतर शपथपत्र (हलफनामा) देना होगा, अन्यथा उन्हें पूरे देश से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ेगी।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मतदाता सूची को शुद्ध करना चुनाव आयोग के साथ-साथ राजनीतिक दलों की भी साझा ज़िम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि बिहार में बूथ लेवल अधिकारियों ने राजनीतिक दलों और बूथ एजेंटों के साथ मिलकर काम किया है। “शायद यही वजह है कि 1 अगस्त के बाद किसी भी राजनीतिक दल ने एक भी आपत्ति दर्ज नहीं कराई है।”
सीईसी ने आगे कहा कि इसके दो ही मतलब निकलते हैं – या तो मसौदा सूची बिल्कुल सही है, जिसे चुनाव आयोग नहीं मानता क्योंकि उसमें त्रुटियां हो सकती हैं। या फिर राजनीतिक दलों ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाई ही नहीं। उन्होंने कहा, “अभी 15 दिन बाकी हैं, हर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल त्रुटियां बताए, चुनाव आयोग सुधार के लिए तैयार है। लेकिन 1 सितंबर के बाद अगर आरोप लगाए गए, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?”
फिलहाल सीईसी के इस बयान के बाद सियासी हलकों में गरमाहट बढ़ गई है। अब निगाहें राहुल गांधी की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं कि वह सबूत देंगे या देश से माफी मांगेंगे।



