chhattisgarhhindi newsछत्तीसगढ़

CG HOLIDAYS | छत्तीसगढ़ में छुट्टियों का जलवा, सिर्फ 2 दिन की अर्जी पर 9 दिन की मौज !

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी छुट्टियों के गणित ने एक बार फिर बहस छेड़ दी है। इस बार यदि किसी कर्मचारी ने 25 और 29 अगस्त को छुट्टी का आवेदन दिया तो उसे कुल 9 दिनों का लगातार अवकाश मिल गया। वजह यह रही कि 26 अगस्त को हरतालिका तीज, 27 को गणेश चतुर्थी और 28 को नुवाखाई का अवकाश घोषित था। इसके बाद शनिवार-रविवार की छुट्टी मिलकर पूरा सप्ताह ही कर्मचारियों के नाम हो गया।

अवकाशों की उपयोगिता पर नहीं होता विचार

छत्तीसगढ़ में सरकारी छुट्टियों की संख्या और उनकी उपयोगिता पर कभी गंभीर मंथन नहीं हुआ है। भाजपा सरकार ने सुशासन का संकल्प जरूर लिया है, लेकिन ऑफिसों में इसका असर कम दिखता है। पांच दिनी वर्किंग डे खत्म कर केवल दूसरे और तीसरे शनिवार को छुट्टी देने का प्रस्ताव भी आया था, लेकिन उस पर आगे चर्चा नहीं हो पाई।

ऑफिसों में कामकाज की सुस्ती

सोमवार को सरकारी दफ्तरों में दोपहर तक कामकाज शुरू होता है, मंगलवार तक बैठकें ही चलती रहती हैं और शुक्रवार आते-आते कर्मचारी जल्दी घर लौटने की तैयारी में लग जाते हैं। नतीजा यह कि आम जनता को छोटे-छोटे कामों के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

त्यौहारों पर भी उठ रहे सवाल

तीजा और नुवाखाई की छुट्टियों को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। तीज केवल महिलाओं का त्यौहार है, ऐसे में पुरुष कर्मचारियों को अवकाश क्यों दिया जाए? नुवाखाई ओडिशा का त्यौहार है, फिर इसे छत्तीसगढ़ की छुट्टियों की सूची में क्यों रखा गया? इसके उलट हलषष्ठी जैसे पर्व जिनका छत्तीसगढ़ के हर घर में महत्व है, उसे छुट्टियों में शामिल नहीं किया गया।

सरकारें बदलीं, कर्मचारी हित बरकरार

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से हर सरकार ने कर्मचारियों को लुभाने वाले फैसले लिए हैं। रमन सरकार ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था, भूपेश सरकार ने कुछ को नियमित भी किया। अब भाजपा सरकार ने भी छुट्टियों समेत कई फैसले किए हैं। सवाल यही है कि क्या सरकार छुट्टियों पर गंभीरता से विचार कर कोई स्थायी नीति बना पाएगी?

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button