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AYUSHMAN YOJANA CRISIS | लंबित भुगतान पर अस्पतालों का विरोध, 5 दिन ठप रहेगी आयुष्मान सेवा

 

रायपुर, 31 अगस्त 2025। एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ऑफ़ इंडिया (एएचपीआई) की छत्तीसगढ़ स्तरीय सामान्य सभा की बैठक में आज आयुष्मान भारत योजना को लेकर गहरी नाराज़गी सामने आई। बैठक का मुख्य केंद्र बिंदु राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी की असंतोषजनक कार्यप्रणाली और लगातार लंबित भुगतान रहा।

7 साल से नहीं बढ़ी दरें –

बैठक में सदस्यों ने कहा कि आयुष्मान योजना में पैकेज दरों की सात साल से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि हर साल इलाज की लागत 12% तक बढ़ रही है। यहां तक कि 2022 में नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) द्वारा सुझाई गई दरों को भी लागू नहीं किया गया।

बैठक में रखी गई मुख्य मांगें –

एएचपीआई छत्तीसगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से बातचीत के लिए अस्पतालों ने एकमत से पांच प्रमुख मांगें रखी हैं:

पैकेज दरों में बढ़ोतरी – विशेषज्ञों की कमेटी बनाकर पैकेज दरों की एकमुश्त और तार्किक बढ़ोतरी की जाए तथा वार्षिक बढ़ोतरी का प्रावधान हो।

लंबित भुगतान – 2022, 2023 और 2024 के पुनर्जीवित मामलों के भुगतान जल्द किए जाएं।

पारदर्शी ऑडिटिंग – डिस्चार्ज मरीजों के केस का 45 दिन में निपटारा विशेषज्ञों की टीम और नोडल एजेंसी की मदद से हो।

ब्याज प्रावधान – 45 दिन से ज्यादा लंबित भुगतान पर 1% ब्याज लागू किया जाए।

सांकेतिक बंद की चेतावनी – जनवरी से मार्च 2025 और जुलाई 2025 तक लंबित भुगतान न मिलने की स्थिति में अस्पताल राज्य स्तरीय सांकेतिक बंद पर विचार करेंगे।

राष्ट्रीय स्तर पर उठेगी आवाज

डॉ. गुप्ता ने कहा कि एएचपीआई का राष्ट्रीय नेतृत्व अन्य राज्यों से समन्वय बनाकर केंद्र सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय से इस मुद्दे पर बातचीत करेगा, ताकि गरीब और वंचित वर्गों के इलाज में बाधा न आए।

 

 

 

 

 

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