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CGPSC PAPER LEAK CASE | पूर्व अधिकारी और परिजन 6 अक्टूबर तक जेल

 

रायपुर, 23 सितंबर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने पूछताछ पूरी होने के बाद तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, सचिव जीवन किशोर ध्रुव, उनके बेटे सुमित ध्रुव, टामन सोनवानी के भाई की पुत्रवधू मिशा कोसले और दीपा आडिल को विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया। अदालत ने सभी को 6 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।

क्या हैं आरोप?

सीबीआई के मुताबिक, आयोग के तत्कालीन पदाधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों का गलत तरीके से चयन कराया।

परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक पर आरोप है कि पेपर लीक की जानकारी होने के बावजूद उन्होंने जिम्मेदारी नहीं निभाई।

गलत चयन प्रक्रिया के चलते कई अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति हुई।

भर्ती प्रक्रिया पर सवाल

2021 की भर्ती प्रक्रिया में 1,29,206 उम्मीदवारों ने प्रारंभिक परीक्षा दी थी। इनमें से 2,548 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में पहुंचे और 509 उम्मीदवार साक्षात्कार तक पहुंचे। आखिर में 170 लोगों का चयन हुआ, जिनमें से कई उम्मीदवार सीधे आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों से जुड़े पाए गए।

सीबीआई की जांच

राज्य सरकार के निर्देश पर सीबीआई ने 9 जुलाई 2024 को केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसके बाद छापेमारी कर कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। एजेंसी का कहना है कि पूछताछ पूरी हो चुकी है और अब आगे की जांच जुटाए गए सबूतों के आधार पर की जाएगी।

अन्य आरोपियों पर सुनवाई 26 सितंबर को

सीजीपीएससी घोटाले में जेल भेजे गए तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, उद्योगपति श्रवण कुमार गोयल, नितेश सोनवानी, तत्कालीन डिप्टी परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर, शशांक गोयल, भूमिका कटियार और साहिल सोनवानी के खिलाफ लगे आरोपों पर 26 सितंबर को बहस होगी।

मानवीय आधार पर राहत

आरोपी दीपा आडिल ने अदालत से गुहार लगाई कि उसका बच्चा केवल एक साल का है। अदालत ने इस पर सहमति जताते हुए जेल प्रशासन को आदेश दिया कि हर तीन घंटे में बच्चे से मिलवाकर दूध पिलाने की व्यवस्था की जाए।

 

 

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