CG LIQUOR SCAM | शराब घोटाले पर सुप्रीम सख्ती, 3 महीने में रिपोर्ट दो!

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को तीन महीने के भीतर जांच पूरी करने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि दिसंबर 2025 के आखिरी सप्ताह तक फाइनल रिपोर्ट अदालत में पेश की जाए। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2025 के अंतिम सप्ताह में अपलोड किया था।
तीन महीने में फाइनल रिपोर्ट पेश करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ED और EOW ने जांच की रफ्तार बढ़ा दी है। ED वर्तमान में आबकारी विभाग के 30 अधिकारियों के बयान दर्ज कर रही है, जिनमें 7 रिटायर्ड अधिकारी भी शामिल हैं। ED के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि “जांच को लगभग दो साल हो चुके हैं, अब इसे तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाना जरूरी है।”
13 याचिकाएं खारिज, जमानत पर भी रोक
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने शराब घोटाले से जुड़ी 13 याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इनमें छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में दर्ज FIR, ED की ECIR और जमानत याचिकाएं शामिल थीं। IAS अधिकारी अनिल टुटेजा की जमानत याचिका भी इनमें से एक थी। कोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज करते हुए कहा – “जांच पूरी होने के बाद ही याचिकाकर्ता नियमित या अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।”
10 से अधिक गिरफ्तारियां, भूपेश बघेल के बेटे पर भी कार्रवाई
EOW के अनुसार, जांच में विदेशी शराब पर लिए गए कमीशन का विश्लेषण जारी है। अब तक गिरफ्तार प्रमुख नामों में शामिल हैं, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, अरुणपति त्रिपाठी, अरविंद सिंह, अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह, दीपक दुआरी, दिलीप टुटेजा और सुनील दत्त। इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को भी मनी लॉन्ड्रिंग और शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?
ED की जांच में सामने आया है कि यह घोटाला 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का है। आरोप है कि भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में IAS अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के नेतृत्व में सिंडिकेट ने अवैध शराब बिक्री का नेटवर्क तैयार किया था। इस सिंडिकेट ने नकली होलोग्राम, डिस्टलरी संचालकों से कमीशन, और शराब बिक्री में हेराफेरी के जरिए भारी मुनाफा कमाया।
रायपुर के होटल में हुई थी सिंडिकेट की मीटिंग
EOW की रिपोर्ट के अनुसार, अनवर ढेबर ने फरवरी 2019 में रायपुर के होटल वेनिंगटन में डिस्टलरी मालिकों की मीटिंग बुलाई थी। मीटिंग में शामिल प्रमुख लोग थे. नवीन केडिया (छत्तीसगढ़ डिस्टलरी), भूपेंद्र पाल सिंह भाटिया (भाटिया वाइंस), प्रिंस भाटिया, राजेंद्र जायसवाल (वेलकम डिस्टलरी) आदि। बैठक में प्रति पेटी कमीशन तय किया गया और बदले में शराब की कीमतें बढ़ाने का आश्वासन दिया गया।



