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DIWALI SILVER DEMAND | देश में दिवाली से पहले चांदी की कमी क्यों ?

 

नई दिल्ली। दिवाली से पहले चांदी के दामों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। ग्लोबल मार्केट में चांदी की कीमतें $53 प्रति औंस के ऑल-टाइम हाई के करीब पहुंच चुकी हैं, जबकि भारत में पहली बार इसका भाव ₹2 लाख प्रति किलो के पार निकल गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह तेजी अभी रुकने वाली नहीं है, क्योंकि मार्केट में चांदी की भारी कमी बनी हुई है।

ग्लोबल कमी और सरकारों की खरीदारी से मांग बढ़ी

पर्पल ज्वेल्स के नितेश जैन के मुताबिक, “मार्केट में इस समय चांदी की भारी कमी है। यह सिर्फ दिवाली की वजह से नहीं, बल्कि सेंट्रल बैंक और सरकारें भी बड़ी मात्रा में खरीदारी कर रही हैं।” इसके अलावा इंडस्ट्री भविष्य के लिए बुकिंग कर रही है, जिससे कीमतें लगातार ऊपर जा रही हैं। जैन के अनुसार, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बावजूद चांदी अभी भी अंडरवैल्यूड है और यह $60 से $65 प्रति औंस तक जा सकती है, यानी मौजूदा स्तर से करीब 23% की और तेजी संभव है।

₹20,000 का प्रीमियम और लंबा इंतजार

नवकर स्टर्लिंग सिल्वर के अभय रांका के अनुसार, भारत में डिलीवरी की भारी दिक्कत है। “खरीदारों को डिलीवरी के लिए 15 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है, और अगर तुरंत चाहिए तो ₹15,000 से ₹20,000 का प्रीमियम देना पड़ता है,” उन्होंने बताया। रांका का अनुमान है कि चांदी $65-$70 प्रति औंस तक जा सकती है, यानी लगभग 32% की और तेजी आने की संभावना है।

भारत में कहां कितनी महंगी हुई चांदी

चेन्नई में चांदी का रेट ₹2.07 लाख प्रति किलो तक पहुंच चुका है, जो देश में सबसे ज्यादा है। दिल्ली और अन्य बड़े बाजारों में इसका भाव ₹1.90 लाख प्रति किलो है। एक्सपर्ट्स के अनुमान के मुताबिक अगर कीमतों में 23% की बढ़ोतरी होती है तो चेन्नई में रेट ₹2.54 लाख और दिल्ली में ₹2.33 लाख प्रति किलो तक पहुंच सकता है। वहीं, 32% की बढ़त पर चांदी ₹2.73 लाख (चेन्नई) और ₹2.51 लाख (दिल्ली) प्रति किलो तक जा सकती है।

आयात पर निर्भर भारत

भारत में चांदी की खुदाई बहुत सीमित है, इसलिए देश पूरी तरह आयात पर निर्भर है। दुबई और लंदन से आने वाली चांदी $2-$4 प्रति औंस के प्रीमियम पर बिक रही है। दिवाली से पहले मांग चरम पर है, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग के लिए पर्याप्त कच्चा माल उपलब्ध नहीं है।

सोने की डिमांड में भी तेजी

यूनिक चेन्स के सैय्यम मेहरा के मुताबिक, “ज्वेलर्स पिछले कुछ महीनों से स्टॉक बना रहे हैं और अब उन्हें बढ़ती कीमतों का फायदा मिल रहा है।” हल्के और भारी दोनों तरह के गहनों की बिक्री तेजी से हो रही है। पुराने गहनों को पिघलाकर नए बनाने का ट्रेंड भी बढ़ा है, अब कुल खरीदारी का लगभग 20% पुराने सोने से हो रही है।

सोना-चांदी दोनों में रैली जारी

मेहरा का कहना है कि नवंबर तक सोने की कीमत ₹1.32 लाख से ₹1.33 लाख प्रति 10 ग्राम तक जा सकती है, जबकि अगले साल यह ₹1.50 लाख तक पहुंच सकती है। ग्लोबल अनिश्चितताओं, अमेरिका-चीन तनाव, निवेशकों की दिलचस्पी और अमेरिकी फेड की संभावित रेट कट उम्मीदों से दोनों कीमती धातुओं में तेजी बनी हुई है।

2025 में अब तक चांदी ने सोने से बेहतर प्रदर्शन किया है, जहां सोना 58% चढ़ा, वहीं चांदी में 85% की रैली आई है। यानी इस बार त्योहारों में “सफेद सोना” निवेशकों की पहली पसंद बन गया है।

 

 

 

 

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