NSQ FAILED MEDICINES | 112 दवाएं फेल, छत्तीसगढ़ में नकली दवा से हड़कंप

नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सितंबर 2025 की दवाओं की गुणवत्ता जांच में 112 दवाओं को गैर-मानक (NSQ) पाया। इनमें से 52 नमूनों की जांच केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं में हुई, जबकि 60 नमूनों को राज्य प्रयोगशालाओं ने गैर-मानक घोषित किया। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ में एक दवा पूरी तरह नकली पाई गई।
मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इन दवाओं में एक या अधिक गुणवत्ता मानकों की कमी पाई गई। इसमें सक्रिय तत्व की मात्रा सही न होना या अन्य कमियां शामिल हैं। फेल हुए नमूनों में सबसे ज्यादा 49 दवाएं हिमाचल प्रदेश में बनी थीं। इसके अलावा गुजरात (16), उत्तराखंड (12), पंजाब (11), मध्य प्रदेश (6), सिक्किम, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश (3-3), कर्नाटक और महाराष्ट्र (2-2), पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर (1-1) शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ में पाई गई नकली दवा अवैध कंपनी द्वारा बनाई गई थी, जिसने किसी अन्य कंपनी के ब्रांड नाम का दुरुपयोग किया। मंत्रालय ने इसे गंभीर मामला बताते हुए जांच शुरू कर दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह केवल जांचे गए नमूनों की खेप तक सीमित है, और इसका असर अन्य दवाओं पर नहीं पड़ता। CDSCO हर महीने दवाओं की जांच करता है और गैर-मानक या नकली दवाओं की सूची अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करता है।
अगस्त 2025 में भी CDSCO ने 94 दवाओं को गैर-मानक घोषित किया था। मंत्रालय ने राज्य नियामकों के साथ मिलकर इन दवाओं को बाजार से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हिमाचल के दवा नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने कहा कि ज्यादातर कमियां छोटी थीं, जिन्हें तुरंत ठीक किया जा रहा है, जबकि गंभीर कमियों वाली दवाओं के निर्माताओं को नोटिस जारी कर पूरा स्टॉक वापस मंगवाया जाएगा।



