ADANI GROUP INVESTMENT | अडाणी ग्रुप में विदेशी निवेशकों की बड़ी एंट्री …

नई दिल्ली। अरबपति गौतम अडाणी की कंपनियों में अब विदेशी निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। नई वित्तीय रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल के महीनों में अमेरिकी और यूरोपीय बीमा कंपनियों ने अडाणी ग्रुप के प्रोजेक्ट्स में भारी निवेश किया है, इतना कि भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) से भी ज्यादा पूंजी इन संस्थानों ने लगाई है।
जून 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की Athene Insurance ने अडाणी के मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट में लगभग 6,650 करोड़ रुपए का निवेश किया। वहीं LIC ने अडाणी पोर्ट्स एंड SEZ में करीब 5,000 करोड़ रुपए लगाए थे।
इसी बीच DBS Bank, DZ Bank, Rabobank और Bank SinoPac जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों ने Adani Energy में 25 करोड़ डॉलर (करीब 2,100 करोड़ रुपए) का कर्ज आधारित निवेश किया है।
S&P Global की रिपोर्ट बताती है कि अडाणी ग्रुप ने साल की पहली छमाही में अपनी चार प्रमुख यूनिट्स के लिए 10 अरब डॉलर तक की नई लोन सुविधाएं हासिल कीं।
हाल ही में The Washington Post ने दावा किया था कि LIC ने सरकारी दबाव में अडाणी ग्रुप में 3.9 अरब डॉलर (करीब 33,000 करोड़ रुपए) का निवेश किया। हालांकि, अडाणी ग्रुप ने इसे “झूठा और भ्रामक” बताया। समूह के CFO जुगेशिंदर सिंह ने कहा, “वॉशिंगटन पोस्ट का फाइनेंस पर लिखना वैसा ही है, जैसे मैं और जेफ बेजोस बालों पर लेख लिखें।”
LIC की सफाई और आंकड़े
LIC ने कहा कि अडाणी में किया गया हर निवेश स्वतंत्र जांच और बोर्ड अप्रूवल के बाद हुआ। संस्था ने बताया कि उसका कुल निवेश 2014 में 1.56 लाख करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर 15.6 लाख करोड़ रुपए हो चुका है।
LIC की अडाणी में हिस्सेदारी समूह के कुल कर्ज का 2% से भी कम है।
राजनीतिक विवाद भी गर्माया
कांग्रेस और टीएमसी ने इसे जनता की जमा पूंजी से निजी समूह को लाभ पहुंचाने की कोशिश बताया और संसद की PAC जांच की मांग की।
अडाणी की नेटवर्थ और ग्लोबल पकड़
फोर्ब्स की अक्टूबर 2025 रिपोर्ट के अनुसार, गौतम अडाणी एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उनकी नेटवर्थ लगभग 6.22 लाख करोड़ रुपए आंकी गई है।
LIC विवाद के बीच विदेशी बैंकों और बीमा कंपनियों का यह निवेश साबित करता है कि अडाणी ग्रुप अब भारतीय पूंजी पर नहीं, बल्कि एक ग्लोबल फाइनेंशियल नेटवर्क पर आधारित साम्राज्य बन चुका है।



