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SC NOTICE | सुप्रीम कोर्ट ने कवासी लखमा और चैतन्य बघेल मामलों में EOW-ED को जारी किया नोटिस

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ के दो हाई-प्रोफाइल मामलों पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अहम सुनवाई हुई। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की जमानत याचिका और कारोबारी चैतन्य बघेल की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी याचिकाओं पर देश की सर्वोच्च अदालत ने संबंधित एजेंसियों को नोटिस जारी किया है।

जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने दोनों मामलों की सुनवाई की। कोर्ट ने लखमा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) को नोटिस जारी किया और दो सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

पूर्व मंत्री लखमा, जो फिलहाल भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितता के मामले में जेल में हैं, ने अपनी गिरफ्तारी को अनुचित बताते हुए जमानत की मांग की। उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने पैरवी करते हुए कहा कि FIR और आरोप राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित हैं और ठोस सबूत नहीं हैं।

वहीं कारोबारी चैतन्य बघेल की याचिकाओं पर भी जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने सुनवाई की। पहली याचिका में उन्होंने ED द्वारा की गई गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने की मांग की, जबकि दूसरी याचिका में उन्होंने PMLA कानून की वैधता को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर ED को 10 दिन के भीतर जवाब देने का आदेश दिया और अगले सप्ताह पुनः सुनवाई तय की है।

दोनों मामलों को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रहा है, जबकि सत्तारूढ़ पक्ष का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और एजेंसियां स्वतंत्र रूप से जांच कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद अब अगली सुनवाई इन दोनों मामलों की दिशा तय करेगी।

 

 

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