NIMISHA EXECUTION CANCELLED | निमिषा बच गई! यमन में फांसी की सजा रद्द !

नई दिल्ली। यमन में फांसी की सज़ा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बड़ी राहत मिली है। भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने बयान जारी कर बताया है कि निमिषा प्रिया की मौत की सज़ा पूरी तरह रद्द कर दी गई है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि यमन सरकार से अब तक कोई आधिकारिक लिखित पुष्टि प्राप्त नहीं हुई है।
बयान में कहा गया कि यह निर्णय यमन की राजधानी सना में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान लिया गया। वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने इस मामले में कुछ लोगों द्वारा फैलाई जा रही भ्रामक सूचनाओं पर सतर्क रहने की सलाह दी है।
कौन हैं निमिषा प्रिया?
केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली 34 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया 2008 में नौकरी की तलाश में यमन गई थीं। उन्होंने एक यमनी नागरिक तालाल अब्दो महदी के साथ मिलकर सना में क्लिनिक शुरू किया। रिश्तों में दरार आने के बाद, महदी ने उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और पासपोर्ट छीन लिया।
बताया जाता है कि निमिषा ने 2017 में पासपोर्ट वापस पाने के लिए महदी को बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन ओवरडोज़ के कारण उसकी मौत हो गई। 2018 में उन्हें हत्या का दोषी ठहराया गया और 2020 में यमन की अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई।
कूटनीतिक प्रयास और अंतरराष्ट्रीय दबाव
जनवरी 2025 में हूती विद्रोही नेता ने भी फांसी की मंजूरी दे दी थी। इसके बाद भारत में मानवाधिकार संगठनों, धार्मिक नेताओं और सरकार द्वारा कूटनीतिक प्रयास तेज किए गए।
अब ग्रैंड मुफ्ती के अनुसार, इन प्रयासों के परिणामस्वरूप निमिषा की फांसी पूरी तरह से रद्द कर दी गई है, हालांकि अंतिम निर्णय के लिए यमनी सरकार की आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है।



