CG BREAKING | फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र पर अब सख्ती, नियुक्ति से पहले दो चरणों में होगी जांच

रायपुर, 7 नवंबर 2025। छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय सेवाओं में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर की जा रही नियुक्तियों पर सख्त कार्रवाई का फैसला लिया है। अब किसी भी दिव्यांग उम्मीदवार को नियुक्ति आदेश जारी करने से पहले शारीरिक परीक्षण और मेडिकल बोर्ड से प्रमाण पत्र का सत्यापन अनिवार्य होगा।
बीते महीनों में ऐसे 150 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी पाने के आरोप लगे। कई प्रकरण हाईकोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुके हैं। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने इसे एक गंभीर प्रशासनिक चुनौती मानते हुए भर्ती प्रक्रिया में सख्ती लागू कर दी है।
GAD ने जारी किए निर्देश –
सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने सभी विभागों, निगमों और मंडलों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि दिव्यांगजनों की भर्ती नियमों का अक्षरशः पालन किया जाए। किसी भी उम्मीदवार को प्रमाण पत्र की पुष्टि के बिना नियुक्त करना नियम विरुद्ध माना जाएगा।
आदेश में बिलासपुर हाईकोर्ट के छत्तीसगढ़ दिव्यांग संघ बनाम छत्तीसगढ़ शासन केस का हवाला दिया गया है, जिसमें यह मुद्दा गंभीर रूप से उठाया गया था।
नियुक्ति से पहले अनिवार्य दो चरण –
शारीरिक परीक्षण : उम्मीदवार की वास्तविक दिव्यांगता का प्राथमिक सत्यापन।
मेडिकल बोर्ड से जांच : प्रमाण पत्र की वैधता और वास्तविकता की पुष्टि।
इन दोनों प्रक्रियाओं के बाद ही नियुक्ति आदेश जारी होगा। किसी भी विभाग द्वारा अनदेखी करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
7% आरक्षण और बैकलॉग पदों पर विशेष भर्ती अभियान –
राज्य सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित 7% पदों को समय पर भरने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई है। विभागों को आदेश दिया गया है कि वे बैकलॉग पदों की समीक्षा कर तत्काल विशेष भर्ती अभियान शुरू करें और अद्यतन सूची GAD व समाज कल्याण विभाग को भेजें।
सरकार का उद्देश्य –
यह कदम दो प्रमुख उद्देश्यों को साधने की दिशा में अहम माना जा रहा है –
फर्जी प्रमाण पत्रों पर रोक लगाना।
वास्तविक दिव्यांग उम्मीदवारों को न्यायपूर्ण अवसर प्रदान करना।
राज्य सरकार का यह निर्णय पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया और दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।



