CG LIQUOR SCAM | शराब घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, अफसरों को राहत, पर शर्तें कड़ी!

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में फंसे आबकारी विभाग के कुछ अधिकारियों को दी गई गिरफ्तारी से अंतरिम राहत को कड़ी शर्तों के साथ स्थायी कर दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया।
पीठ ने कहा कि राहत केवल तभी जारी रहेगी जब आरोपी अदालत और जांच में पूरा सहयोग करेंगे। अदालत ने सभी अधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर अपने पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करने, राज्य से बाहर जाने से पहले कोर्ट की अनुमति लेने, और गवाहों को प्रभावित न करने की सख्त शर्त लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आरोपियों को हर सुनवाई की तारीख पर ट्रायल कोर्ट में उपस्थित रहना होगा, अन्यथा इसे जमानत की शर्त का उल्लंघन माना जाएगा।
मामले में शामिल अधिकांश अधिकारी सहायक आबकारी आयुक्त, उप आबकारी आयुक्त और सहायक जिला आबकारी अधिकारी के पदों पर कार्यरत रहे हैं। आरोप है कि फरवरी 2019 से जून 2022 के बीच इन अधिकारियों ने शराब की अवैध बिक्री में सक्रिय सिंडिकेट से मिलीभगत कर कई करोड़ रुपये की कमीशन ली।
ईडी ने अपनी जांच में बताया कि यह घोटाला 3,200 करोड़ रुपये से अधिक का है। निचली अदालत और हाईकोर्ट ने पहले इनकी अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाते हुए आत्मसमर्पण और ज़मानत बांड भरने का आदेश दिया था।
इधर, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से जुड़े एक अन्य ईडी मामले की सुनवाई को भी दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया गया है।



