LAL KILA BLAST CASE | लाल किला ब्लास्ट केस में ED की एंट्री

नई दिल्ली, 13 नवंबर 2025। दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए विस्फोट की जांच अब और गहरी होती जा रही है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), खुफिया ब्यूरो (IB) और दिल्ली पुलिस के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी इस मामले में सक्रिय हो गया है। ईडी का फोकस विस्फोटक सामग्री खरीदने के लिए जुटाई गई करीब 23 लाख रुपये की फंडिंग पर है।
मामले से जुड़ी जांच में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम प्रमुखता से सामने आया है। ईडी अब इस यूनिवर्सिटी के वित्तीय लेनदेन और आरोपियों के बैंक खातों की जांच कर रही है। सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार संदिग्ध डॉक्टर मुजम्मिल गनी, डॉक्टर आदिल, उमर नबी भट्ट और शाहीन शाहिद अंसारी ने मिलकर यह रकम जुटाई थी। इनमें से करीब 3 लाख रुपये NPK उर्वरक के नाम पर आईईडी बनाने में खर्च किए गए।
मौत का आंकड़ा 13 पहुंचा, तीन घायल गंभीर
इस धमाके में मृतकों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है, जबकि तीन घायलों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। केंद्र सरकार ने इसे आतंकी हमला घोषित करते हुए सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
तीन बड़े खुलासे –
जांच एजेंसियों ने इस साजिश से जुड़ी तीन अहम बातें उजागर की हैं :
1. गणतंत्र दिवस पर हमला था पहला प्लान
आरोपियों ने जनवरी में लाल किले का कई बार निरीक्षण किया था। फोन डेटा से पुष्टि हुई है कि मूल योजना 26 जनवरी को हमला करने की थी, जो किसी वजह से नाकाम रही।
2. 6 दिसंबर को दिल्ली पर दूसरा हमला प्लान
उमर नबी 6 दिसंबर को बड़ा धमाका करना चाहता था, लेकिन डॉक्टर मुजम्मिल की गिरफ्तारी से नेटवर्क बिखर गया। गिरफ्तार आरोपियों में छह डॉक्टर शामिल हैं।
3. उर्वरक के नाम पर छिपाए गए विस्फोटक
डॉ. मुजम्मिल गनी किराए के कमरे में उर्वरक की बोतलों में विस्फोटक छिपा रहा था। पुलिस ने वहां से सीसीटीवी फुटेज जब्त कर ली है।
डीएनए से हुई उमर की पहचान
ब्लास्ट में शामिल डॉक्टर उमर नबी भट्ट की पहचान डीएनए टेस्ट से हो गई है। पुलवामा में उसकी मां से लिए गए सैंपल दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में रखे शव से मैच कर गए। उमर अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल सेंटर में काम करता था।
हरियाणा के खंदावली गांव से उमर की फोर्ड ईकोस्पोर्ट कार बरामद की गई है, जिसकी फॉरेंसिक जांच जारी है। फार्महाउस के मालिक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि धमाके से कुछ घंटे पहले ही जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद से जुड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया गया था। कई संदिग्ध डॉक्टर और प्रोफेसर अब भी रडार पर हैं।



