BREAKING NEWS | ICT का बड़ा फैसला, शेख हसीना को मौत की सजा

नई दिल्ली। बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (ICT) ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने 453 पन्नों के अपने फैसले में हसीना को तीन गंभीर आरोपों निहत्थे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ घातक बल प्रयोग का आदेश, भड़काऊ बयान और अत्याचारों को रोकने में विफल रहने के लिए दोषी पाया।
अदालत ने कहा कि हसीना ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ड्रोन, हेलिकॉप्टर और खतरनाक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दिया, जिससे पिछले साल जुलाई–अगस्त के दौरान हुए छात्र आंदोलन में हिंसा और मौतों की बड़ी संख्या सामने आई। अदालत में फैसला सुनाते ही लोग तालियां बजाने लगे।
तीन अपराध, एक ही मौत की सजा –
आईसीटी ने तीन आरोपों पर एक ही बार मौत की सजा देने का फैसला किया है –
Order to kill : निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर घातक बल प्रयोग का आदेश
Incitement : भड़काऊ बयान देकर हिंसा बढ़ाने का आरोप
Failure to prevent atrocities : ढाका व आसपास छात्रों की हत्या रोकने में विफल रहना
अदालत ने कहा कि बतौर सर्वोच्च कमांडर हसीना गृह मंत्री और पुलिस महानिरीक्षक पर पूर्ण नियंत्रण रखती थीं। अत्याचार रोकना उनकी जिम्मेदारी थी, लेकिन वे इसमें विफल रहीं।
अन्य आरोपी, एक भगोड़ा, एक सरकारी गवाह
इस मामले में पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को अदालत ने उकसाने का दोषी पाया, लेकिन वह भगोड़ा है। वहीं पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल मामून हिरासत में है, उसने अपराध स्वीकार कर लिया है और सरकारी गवाह बन गया है।
1400 लोगों की मौत का आरोप
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जुलाई–अगस्त के आंदोलन जिसे “जुलाई विद्रोह” कहा जाता है, में करीब 1,400 लोगों की मौत हुई थी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक इस हिंसा और दमन अभियान के पीछे शेख हसीना की भूमिका स्पष्ट रूप से सिद्ध हुई।
78 वर्षीय हसीना अगस्त 2025 में सत्ता से हटने के बाद से भारत में रह रही थीं और उन्होंने सभी आरोपों को खारिज किया था। आज ICT ने उन्हें भगोड़ा करार देते हुए मौत की सजा सुना दी है।



