AIRLINES FARE NOTICE | सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइंस किराए पर फटकार लगाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइंस कंपनियों द्वारा अपनी मर्जी से तय किए जा रहे बेलगाम किराए को लेकर नाराजगी जताई है और मामले में नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए सभी पक्षों को तैयार रहने को कहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता एस. लक्ष्मीनारायणन ने एयरलाइंस की ओर से किराया तय करने और अतिरिक्त शुल्क लगाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि एयरलाइंस किराए के अचानक बढ़ने और अपारदर्शी मूल्य निर्धारण के कारण यात्रियों को नुकसान पहुंचा रही हैं।
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने केंद्र सरकार, DGCA और विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (AERA) को नोटिस जारी किया है और चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
याचिका में मुख्य बिंदु शामिल हैं –
अपारदर्शी मूल्य निर्धारण: एयरलाइंस कंप्यूटर एल्गोरिथम के जरिए किराया बढ़ाती हैं, लेकिन इसका कोई स्पष्ट नियम नहीं।
अनिवार्य सेवा: हवाई यात्रा कई बार जीवन के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए जरूरी होती है, इसलिए इसके किराए पर नियंत्रण होना चाहिए।
नियामक संस्था की कमी: DGCA सुरक्षा देखता है और AERA हवाई अड्डे के शुल्क नियंत्रित करता है, लेकिन एयरलाइंस के किराए की निगरानी के लिए कोई संस्था नहीं।
बैगेज शुल्क में वृद्धि: निजी एयरलाइंस ने इकोनॉमी यात्रियों के लिए मुफ्त चेक-इन सामान की सीमा 25 किलोग्राम से घटाकर 15 किलोग्राम कर दी है।
कोर्ट ने कहा कि यह मामला विचार करने योग्य है और सभी पक्षों से जल्द जवाब मांगा गया है।



