CG NAXAL UPDATE | नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी सरेंडर करने तैयार …

जगदलपुर/रायपुर, 24 नवंबर। नक्सल गतिविधियों से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए आज का दिन ऐतिहासिक संकेत लेकर आया है। माओवादी संगठन ने तीनों राज्य सरकारों को हथियार त्यागकर अस्थायी संघर्ष विराम की सूचना दी है और सरेंडर प्रक्रिया के लिए 15 फरवरी तक समय मांगा है। एमएमसी स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता अनंत ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि पार्टी की केंद्रीय समिति ने बदलते हालातों की समीक्षा के बाद यह बड़ा फैसला लिया है।

सोनू दादा ने लिया हथियार छोड़ने का निर्णय –
विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्रीय समिति के सदस्य और पोलित ब्यूरो सदस्य सोनू दादा ने तत्काल प्रभाव से हथियार छोड़ने और संघर्ष विराम का फैसला लिया है। बाकी सदस्यों ने भी इस निर्णय का समर्थन किया है।
15 फरवरी तक का समय मांगा – “संदेश बाकी साथियों तक पहुंचाना है”
माओवादी संगठन ने कहा कि वे सरकार की पुनर्वास योजना को स्वीकार करना चाहते हैं। इसके लिए 15 फरवरी तक का समय मांगा गया है, ताकि यह संदेश जंगलों और दूरस्थ इलाकों में सक्रिय सभी साथियों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बार पीजीएलए (PLGA) सप्ताह नहीं मनाया जाएगा, जो माओवादी गतिविधियों का वार्षिक आयोजन माना जाता है।
31 मार्च की डेडलाइन से पहले का संकेत –
प्रवक्ता ने बताया कि यह कदम सरकार की उस डेडलाइन 31 मार्च से पहले का सकारात्मक संकेत है, जिसमें माओवाद के पूर्ण उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम का उद्देश्य बातचीत की राह खोलना और जनता के मुद्दों का समाधान तलाशना है।
राज्य सरकारों से सकारात्मक प्रतिक्रिया की मांग –
तीनों राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि वे इस पहल पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दें और भरोसे का माहौल बनाएँ अन्यथा पार्टी आगे का रास्ता खुद तय करेगी।



