HIREN JOSHI CONTROVERSY | PMO के प्रभावशाली OSD हिरेन जोशी पर कांग्रेस के गंभीर सवाल

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी और PMO के सबसे प्रभावशाली अधिकारियों में शामिल हिरेन जोशी एक बार फिर राजनीतिक विवाद के केंद्र में हैं। कांग्रेस ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जोशी का नाम लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय पर सीधे सवाल उठाए और पूरे मामले पर सरकार से पारदर्शिता की मांग की।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि हिरेन जोशी के करीबी एक व्यक्ति को बिना किसी कारण बताए लॉ कमीशन से बाहर कर दिया गया और उनसे सरकारी आवास भी तुरंत खाली करा लिया गया। खेड़ा ने कहा कि यह मामला सिर्फ एक ट्रांसफर या इस्तीफे का नहीं, बल्कि “PMO के भीतर चल रही गंभीर गतिविधियों” का संकेत है।
खेड़ा ने कहा “हिरेन जोशी कोई छोटा नाम नहीं है। वे प्रधानमंत्री कार्यालय के सबसे ताकतवर व्यक्ति हैं। लोकतंत्र को प्रभावित करने में उनकी भूमिका रही है। उनके व्यवसायिक संबंध क्या हैं, किस बेटिंग ऐप से लिंक हैं, विदेशों में क्या कनेक्शन हैं, देश को यह जानने का हक है।”
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार इस पूरे मामले को छिपा रही है और अगर स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो इससे और सवाल उठेंगे। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी X पर लिखा कि प्रधानमंत्री के बेहद करीबी OSD हिरेन जोशी को अचानक हटाया गया है और प्रसार भारती के चेयरमैन नवनीत सहगल के भी इस्तीफे ने PMO के भीतर की स्थिति को और संदिग्ध बना दिया है। उन्होंने कहा कि “PMO में कुछ बड़ा गड़बड़” चल रहा है।
यह पहला मौका नहीं है जब हिरेन जोशी पर सवाल उठे हैं। बीजेपी के ही पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी कई बार आरोप लगा चुके हैं कि मीडिया पर दबाव डालने और चैनलों की दिशा तय करने में जोशी की भूमिका रहती है। 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी दावा किया था कि जोशी न्यूज चैनलों पर AAP की कवरेज रोकने के लिए दबाव डालते हैं।
हिरेन जोशी कौन हैं?
हिरेन जोशी को PM मोदी का ‘आंख और कान’ कहा जाता है। वे 2019 में PMO में कम्युनिकेशन और आईटी विभाग में OSD बने थे और लंबे समय से मोदी की डिजिटल रणनीति, सोशल मीडिया प्रबंधन और संदेश प्रणाली का नेतृत्व करते रहे हैं।
वे मूल रूप से तकनीकी शिक्षक रहे हैं और 2008 से मोदी के साथ जुड़े हुए हैं। गुजरात में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान तकनीकी समस्या को मिनटों में ठीक करने पर मोदी ने उन्हें प्रभावित होकर मुख्यमंत्री कार्यालय में OSD नियुक्त किया था।
2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जोशी PMO का हिस्सा बन गए और तब से PM के सोशल मीडिया, वेबसाइट और डिजिटल कम्युनिकेशन का पूरा संचालन उन्हीं के जिम्मे है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक जोशी हर सुबह और देर रात पीएम मोदी को सोशल मीडिया और ऑनलाइन गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट देते हैं। कई चुनावी अभियानों और डिजिटल कैंपेन में भी उनका प्रभावी दखल माना जाता है।
कांग्रेस के आरोपों और हालिया विवाद पर अब तक PMO की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। विपक्ष का कहना है कि यदि सरकार चुप रही तो यह मामला और तूल पकड़ेगा, क्योंकि आरोप देश के सबसे प्रभावशाली अधिकारी में से एक पर लगे हैं।



