INDIGO CRISIS DEEPENS | PMO की मॉनिटरिंग, मंत्रालय ने तलब किए अधिकारी

नई दिल्ली, 6 दिसंबर 2025। पिछले चार–पांच दिनों से देशभर में हवाई यातायात गंभीर रूप से प्रभावित है। सबसे बड़ा असर इंडिगो एयरलाइंस पर देखने को मिल रहा है, जिसकी भारतीय एविएशन मार्केट में करीब 60% हिस्सेदारी है। नए FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट) नियम लागू होने के बाद इंडिगो की संचालन व्यवस्था चरमरा गई और कंपनी को सैकड़ों उड़ानों को रद्द करना पड़ा या घंटों की देरी से उड़ाने पड़ीं।
देश के सभी बड़े एयरपोर्ट प्रभावित
दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु और कोलकाता समेत लगभग सभी बड़े एयरपोर्ट पर फ्लाइट कैंसिलेशन और भारी देरी की वजह से यात्रियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अन्य एयरलाइंस भी अव्यवस्थित हैं, लेकिन इंडिगो के बड़े नेटवर्क के कारण इसका असर ज्यादा व्यापक दिख रहा है।
PMO लगातार मॉनिटरिंग में, CEO से सीधा संवाद
सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरे हालात पर विस्तृत ब्रीफिंग दी गई है। PMO का इंडिगो CEO पीटर एल्बर्स से लगातार संवाद जारी है। एयरलाइन को स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि उड़ान व्यवस्था को जल्द सामान्य किया जाए।
सूत्रों का कहना है कि एल्बर्स ने नेटवर्क को स्थिर करने के लिए सरकार से लगभग 10 दिनों की मोहलत मांगी है।
एयरलाइन पर पेनल्टी की तैयारी
उच्चस्तरीय सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि जिन मामलों में नियामकीय लापरवाही या संचालन संबंधी गड़बड़ी पाए जाने पर कंपनियों को पेनल्टी भुगतनी पड़ सकती है। यात्रियों को हुए नुकसान पर भी कार्रवाई संभव है।
FDTL नियमों में अस्थायी राहत की मांग
इंडिगो प्रबंधन का कहना है कि मौजूदा FDTL नियम बेहद कठोर हैं, जिससे पायलटों की शिफ्ट प्लानिंग कठिन हो गई है। कंपनी ने इन नियमों में कुछ अस्थायी छूट की मांग रखी है।
सरकार की प्राथमिकता
केंद्र ने साफ कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता हवाई सेवाओं को जल्द सामान्य करना और यात्रियों की परेशानी को कम करना है। मंत्रालय स्तर पर विमानों की तैनाती से लेकर स्लॉट मैनेजमेंट तक की समीक्षा जारी है।
आज शाम मंत्रालय में अहम बैठक
इंडिगो के वरिष्ठ अधिकारियों को आज शाम 6 बजे सिविल एविएशन मंत्रालय में तलब किया गया है। यह बैठक एयरलाइन के प्रदर्शन, यात्रियों की सुविधा और संचालन क्षमता पर सरकार की कड़ी समीक्षा मानी जा रही है।



