BILASPUR TRAIN ACCIDENT | CRS रिपोर्ट के बाद बड़ी सस्पेंसन कार्रवाई …

बिलासपुर। लालखदान के पास 4 नवंबर को हुए भीषण मेमू–मालगाड़ी हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आते ही रेलवे में बड़ा फेरबदल किया गया है। हादसे में दर्जनभर यात्रियों की मौत और 20 से अधिक घायल हुए थे।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना ट्रेन संचालन की गंभीर चूक का परिणाम थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि जिस लोको पायलट को मेमू चलाने की जिम्मेदारी दी गई थी, वह साइको टेस्ट में पास नहीं हुआ था, फिर भी उसे ट्रेन संचालन में तैनात किया गया।
इसके बाद सीनियर डीईई ओपी (ऑपरेशनल) वरिष्ठ विद्युत अभियंता मसूद आलम को उनके पद से हटा दिया गया। उनकी जगह अब सीनियर डीईई (टीआरएस) शशांक कोष्टा को ऑपरेशनल जिम्मेदारी सौंपी गई है। मसूद आलम को अब शशांक कोष्टा का पुराना विभाग संभालने का कार्य दिया गया है।
रेलवे मंडल में यह बदलाव गंभीर चिंता और हलचल का कारण बना है। अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक रिपोर्ट में संकेत मिले हैं कि यह हादसा केवल चालक की गलती नहीं थी, बल्कि सिग्नलिंग, तकनीकी निगरानी और सुरक्षा प्रोटोकॉल में कई स्तरों पर चूक हुई। फाइनल CRS रिपोर्ट आने के बाद कई और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।



