chhattisgarhhindi newsछत्तीसगढ़

CG NEW ORDER | आवारा कुत्तों की निगरानी पर छत्तीसगढ़ में नया आदेश जारी …

 

रायपुर, 15 दिसंबर 2025। छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षकों के बाद अब कॉलेज और विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों को भी आवारा कुत्तों और पशुओं की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी शासकीय-अशासकीय कॉलेजों के साथ-साथ राजकीय और निजी विश्वविद्यालयों के लिए विस्तृत आदेश जारी किया है।

जारी निर्देशों के मुताबिक अब कॉलेज और यूनिवर्सिटी कैंपस को आवारा कुत्तों से सुरक्षित रखने, निगरानी करने और किसी भी संभावित घटना को रोकने की जिम्मेदारी सीधे संस्थान प्रबंधन की होगी। इसके लिए प्रोफेसर या सहायक प्राध्यापक को नोडल अधिकारी नियुक्त करना अनिवार्य किया गया है।

नोडल अधिकारी की तय जिम्मेदारी

हर कॉलेज और विश्वविद्यालय में एक नोडल अधिकारी होगा, जो स्थानीय प्रशासन, नगर निगम, नगर पालिका या परिषद से लगातार संपर्क में रहेगा। परिसर में आवारा कुत्ते या अन्य पशु दिखने पर उन्हें हटाने के लिए तुरंत संबंधित विभाग से समन्वय करना होगा। प्रदेश स्तर पर उच्च शिक्षा विभाग ने डॉ. टी. जलजा नायर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, जिन्हें सभी संस्थानों के नोडल अधिकारी रिपोर्ट करेंगे।

बाउंड्रीवॉल और सुरक्षा पर जोर

आदेश में कहा गया है कि जहां संभव हो वहां कॉलेज-यूनिवर्सिटी की चारदीवारी को मजबूत किया जाए, ताकि आवारा पशुओं का प्रवेश रोका जा सके। आपात स्थिति में सहायता के लिए राज्य की हेल्पलाइन 1100 का प्रचार-प्रसार भी अनिवार्य किया गया है।

डिस्प्ले बोर्ड और फोटो भेजना जरूरी

नोडल अधिकारी का नाम, मोबाइल नंबर और हेल्पलाइन की जानकारी डिस्प्ले बोर्ड पर लगाना होगा। इसके साथ ही उस डिस्प्ले बोर्ड की फोटो व्हाट्सऐप के जरिए उच्च शिक्षा संचालनालय को भेजनी होगी। विभाग ने इसके लिए अलग मोबाइल नंबर भी जारी किया है, ताकि आदेश के पालन की निगरानी की जा सके।

खुले में खाने-पीने की चीजों पर रोक

आदेश में यह भी साफ किया गया है कि कैंपस में कहीं भी खाद्य सामग्री खुले में न रखी जाए, जिससे आवारा पशु आकर्षित हों। इस पर लगातार निगरानी रखने की जिम्मेदारी भी नोडल अधिकारी की होगी।

जागरूकता कार्यक्रम अनिवार्य

उच्च शिक्षा विभाग ने हर संस्था में फर्स्ट-एड बॉक्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने और छात्रों-कर्मचारियों के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत आवारा कुत्तों से बचाव और आपात स्थिति में सही कदम उठाने की जानकारी दी जाएगी। पशु चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कार्यशालाएं आयोजित करने को भी कहा गया है।

स्कूलों के बाद कॉलेज-यूनिवर्सिटी तक पहुंचे इस आदेश को लेकर आने वाले दिनों में शिक्षक और प्राध्यापक संगठनों की प्रतिक्रिया भी सामने आ सकती है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button