CG BREAKING | हसदेव पर बवाल, विधानसभा से 32 कांग्रेस विधायक सस्पेंड

रायपुर, 16 दिसंबर 2025। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव को सत्तापक्ष के जवाब के बाद अग्राह्य घोषित किए जाने से नाराज कांग्रेस विधायकों ने सदन में जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालात इतने बिगड़े कि विधानसभा अध्यक्ष को कांग्रेस के 32 विधायकों को निलंबित करने का फैसला लेना पड़ा।
हसदेव जंगल कटाई के मुद्दे पर कांग्रेस ने तत्काल चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश किया था। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि विधानसभा में पहले पारित प्रस्ताव को सरकार ने “कूड़े में डाल दिया।” उन्होंने आरोप लगाया कि हसदेव ही नहीं, बल्कि तमनार और बस्तर जैसे इलाकों में भी बड़े पैमाने पर जंगलों की कटाई की जा रही है।
डॉ. महंत ने यह भी आरोप लगाया कि इन क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात कर इलाके को छावनी में बदल दिया गया है, ताकि स्थानीय लोगों के विरोध को दबाया जा सके। उन्होंने इसे पर्यावरण के साथ-साथ आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला बताया।
कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने सरकार पर पेसा कानून की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में किसी भी परियोजना से पहले ग्राम सभा की सहमति जरूरी होती है, लेकिन हसदेव में फर्जी जनसुनवाई दिखाकर सिर्फ औपचारिकता निभाई गई। उन्होंने इसे लोकतंत्र का मजाक करार दिया।
सत्तापक्ष की ओर से जवाब दिए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके बाद कांग्रेस विधायक भड़क उठे और नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में पहुंच गए। इस विरोध का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे थे। कई बार समझाइश के बावजूद हंगामा नहीं थमा।
आखिरकार, विधानसभा अध्यक्ष ने नियमों का हवाला देते हुए गर्भगृह में आए कांग्रेस के 32 विधायकों को निलंबित करने का आदेश दिया। निलंबन के बाद भी विपक्ष ने विधानसभा परिसर में अपना विरोध जारी रखा।
हसदेव जंगल कटाई का मुद्दा एक बार फिर छत्तीसगढ़ की राजनीति के केंद्र में आ गया है। विपक्ष इसे पर्यावरण और आदिवासी अधिकारों से जुड़ा गंभीर सवाल बता रहा है, जबकि सरकार इसे विकास से जुड़ा नियमानुसार फैसला बता रही है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासी टकराव और तेज होने के आसार हैं।


