SCHEME RENAME LIST | 11 साल में मोदी सरकार ने 28 योजनाओं के बदले नाम …

नई दिल्ली। मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल में सिर्फ नीतियां ही नहीं बदलीं, बल्कि देश की 28 बड़ी सरकारी योजनाओं के नाम भी बदल दिए गए। अब इसी को लेकर सियासत तेज है। विपक्ष इसे रीब्रांडिंग की राजनीति बता रहा है, तो सरकार इसे विजन और कार्यप्रणाली में बदलाव का नाम दे रही है।
लिस्ट के मुताबिक, 1975 से लेकर 2013 के बीच शुरू हुई कई पुरानी योजनाओं को नए नामों के साथ दोबारा पेश किया गया।
ये हैं वो योजनाएं, जिनके बदले गए नाम –
बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (2005) → प्रधानमंत्री जन धन योजना
निर्मल भारत अभियान (2012) → स्वच्छ भारत मिशन
नेशनल गर्ल चाइल्ड डे प्रोग्राम (2008) → बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (2005) → दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन → AMRUT
नेशनल प्रोजेक्ट ऑन चाइल्ड हेल्थ एंड फर्टिलिटी → सौभाग्य हेल्थ कार्ड स्कीम
स्वावलंबन योजना (2010) → अटल पेंशन योजना
नेशनल मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी (2011) → मेक इन इंडिया
नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान (2006) → डिजिटल इंडिया
नेशनल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम (2010) → स्किल इंडिया
यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (1985) → मिशन इंद्रधनुष
डायरेक्ट बेनिफिट्स ट्रांसफर फॉर LPG (2013) → पहल
नेशनल ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क (2011) → भारतनेट
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (2007) → परंपरागत कृषि विकास योजना
त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (2007) → प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
इंदिरा आवास योजना (1985) → प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना
राजीव आवास योजना (2009) → प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)
इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (2010) → प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना
बीपीएल परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन (2010) → प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (2010) → प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
जन औषधि योजना (2008) → प्रधानमंत्री जन औषधि योजना
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (2005) → दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (2013) → दीनदयाल अंत्योदय योजना–एनयूएलएम
आम आदमी बीमा योजना (2007) → प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
हेरिटेज एरिया का विकास (2005) → HRIDAY
नेशनल मैरीटाइम डेवलपमेंट प्रोग्राम (2005) → सागरमाला
ICDS सर्विसेज (1975) → POSHAN अभियान
महात्मा गांधी NREGA (2005) → VB-G राम G
सियासत क्यों गरमाई?
विपक्ष का कहना है कि पुरानी सरकारों और नेताओं से जुड़े नाम हटाकर नई ब्रांडिंग की जा रही है, जबकि सरकार का तर्क है कि योजनाओं के दायरे, तकनीक और क्रियान्वयन में बदलाव के कारण नए नाम जरूरी थे।
अब सवाल यही है कि नाम बदलने से योजना बदली या सिर्फ बोर्ड? ये बहस आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है।



