chhattisgarhhindi newsछत्तीसगढ़

CG LIQUOR SCAM | सौम्या चौरसिया फिर ED की गिरफ्त में, 14 दिन की रिमांड

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी रह चुकी सौम्या चौरसिया को ईडी ने इस मामले में गिरफ्तार करने के बाद PMLA स्पेशल कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। इससे पहले कोर्ट ने उन्हें दो दिन की रिमांड पर ईडी को सौंपा था।

ईडी ने यह गिरफ्तारी पप्पू बंसल उर्फ लक्ष्मी नारायण अग्रवाल, तांत्रिक केके श्रीवास्तव और कारोबारी अनवर ढेबर के होटल मैनेजर दीपेन चावड़ा के बयानों के आधार पर की है। जांच एजेंसी के मुताबिक सौम्या चौरसिया, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और चैतन्य बघेल के बीच हुई चैट्स से कई अहम डिजिटल सबूत हाथ लगे हैं।

2500 करोड़ से ज्यादा की अवैध कमाई का दावा

ED के अनुसार, ACB/EOW द्वारा IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज FIR के आधार पर जांच शुरू की गई थी। जांच में सामने आया कि शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और 2500 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई (POC) की गई। इसमें से करीब 115.5 करोड़ रुपये की POC सौम्या चौरसिया को मिलने के सबूत मिले हैं।

डिजिटल रिकॉर्ड, जब्त सामग्री और गवाहों के बयानों के आधार पर ईडी का दावा है कि सौम्या चौरसिया शराब सिंडिकेट की सक्रिय सदस्य थीं और अनिल टुटेजा व चैतन्य बघेल समेत प्रमुख सदस्यों के बीच केंद्रीय समन्वयकर्ता और मध्यस्थ की भूमिका निभा रही थीं।

सिंडिकेट में अहम नियुक्तियों की भूमिका

ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि आबकारी विभाग में अरुण पति त्रिपाठी और निरंजन दास को अहम पदों पर नियुक्त कराने में भी सौम्या की भूमिका रही। इससे पहले इस मामले में अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लो, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी, कवासी लखमा और चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी हो चुकी है।

पहले भी रह चुकी हैं जेल में

गौरतलब है कि सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 को कोल लेवी घोटाले में भी गिरफ्तार किया गया था। उस मामले में वे करीब ढाई साल जेल में रहीं और पिछले छह महीने से जमानत पर बाहर थीं। अब शराब घोटाले में उनकी दूसरी गिरफ्तारी हुई है। कोयला घोटाला, डीएमएफ घोटाला और आय से अधिक संपत्ति के मामलों में भी उनके खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है।

49 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच

ACB-EOW ने अक्टूबर में सौम्या चौरसिया के खिलाफ 8000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें बताया गया कि 17 साल की सेवा में उन्हें जहां 2.51 करोड़ रुपये वेतन मिला, वहीं उन्होंने 49.69 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियां खरीदीं, जो आय से 1872 प्रतिशत अधिक है। इन संपत्तियों को एजेंसियों ने अटैच कर लिया है।

‘बिग बॉस’ ग्रुप से ऑपरेट होता था घोटाला

ईडी के मुताबिक शराब घोटाले को ऑपरेट करने के लिए ‘बिग बॉस’ नाम का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था, जिसमें सौम्या चौरसिया, अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और चैतन्य बघेल शामिल थे। इसी ग्रुप के जरिए करोड़ों रुपये के लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े निर्देश साझा किए जाते थे।

फिलहाल ईडी की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button