रायपुर। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा अपने 15 वर्षों के शासनकाल में रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध नहीं करा पाई। यही कारण है कि यहां के मजदूर पलायन कर गुड़गांव एवं पंजाब जैसे स्थानों पर रोजी-रोटी कमाने जाते रहे हैं।
राजीव भवन में आज मीडिया से चर्चा करते हुए बादल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 साल से भाजपा की सरकार है। यहां गरीबी 47 प्रतिशत है, जबकि हमारे पंजाब में गरीबी का प्रतिशत आठ है। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने अपने शासनकाल में 257 एमओयू किए जिनमें से 5 पर ही बात आगे बढ़ पाई। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की ओर से जो चुनावी घोषणा पत्र जारी हुआ, उसमें सरकार के बनते ही किसानों को कर्ज से मुक्त करने का वादा है। कांग्रेस की सरकार बनी तो इसे वह पूरा करके दिखाएगी। कांग्रेस पंजाब में यह काम पहले करके दिखा भी चुकी है। वहां 5 एकड़ या उससे कम जमीन वाले सवा दस लाख किसानों का कर्जा माफ किया गया। कर्नाटक में भी कांग्रेस किसानों को कर्जे से मुक्त कर चुकी है। यदि छत्तीसगढ़ में किसान आत्महत्या पर उतर आएं तो इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ नहीं हो सकता। छत्तीसगढ़ में व्याप्त नक्सली समस्या के संबंध में सवाल किए जाने पर बादल ने कहा कि नक्सलियों को कानून के शिकंजे में लेना होगा। इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सूरक्षा बल, आर्थिक, सामाजिक और विकास कार्य जैसे सभी तरह के कदम उठाने होंगे। बादल ने कहा कि भाजपा हमेशा तबाही के रास्ते पर चलने वाली पार्टी रही है तरक्की के रास्ते पर चलने वाली नहीं। मुल्क में इस समय दो तरह की विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है, एक ओर तब्दीली है तो दूसरी तरफ तबाही। कांग्रेस तब्दीली के पक्ष में खड़ी है। कांग्रेस ने हमेशा से विकास की राजनीति की है औरों की तरह विध्वंस की नहीं। भले ही मोदी सरकार बार-बार सर्जिकल स्ट्राइक की बात कर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश करते रहे पर सच तो यह है कि भारत को एटमिक ताकतवर कांग्रेस की सरकार ने बनाया था। कांग्रेस ही वह पार्टी रही जिसने जीएसटी की दिशा में सबसे पहले सोचा था। यदि कांग्रेस के शासनकाल में जीएसटी लागू हुई होती तो उसका स्वरूप कुछ और होता। कांग्रेस ने जीएसटी को लेकर जो महत्वपूर्ण सूझाव रखे उसे मोदी सरकार ने अनसुना कर दिया। आज आर्थिक स्तर पर हमारा देश काफी पीछे हो गया है।