International Day of Happiness 2022 : क्या आज कठिन है खुशी हासिल करना?
संयुक्त राष्ट्र हर साल 20 मार्च को अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस दिवस मनाता है. आमतौर पर जब भी हम दुनिया की बात करते हैं तो विकास और शांति की ही बात करते हैं. समस्याओं में दुनिया में मानवाधिकार, स्वास्थ्य, पर्यावरण आदि की बात करते हैं. लेकिन देखा गया है कि जीवन के सबसे अहम पहलुओं में से एक खुशी को हम आज के युग में नजरअंदाज ही कर देते हैं. इस समय दुनिया कोविड-19 महामारी से उबरने का प्रयास करने में तो लगी है, लेकिन इसके साथ ही रूस यूक्रेन युद्ध ने भी लोगों को परेशान कर रखा है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है.
20 मार्च ही क्यों
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 12 जुलाई 2012 को इस दिन को मनाने का संकल्प लिया था. तब से यह दिन दुनिया भर के लोगों में खुशी के महत्व को याद दिलाने के लिए मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने के पीछ मशहूर समाज सेवी जेमी इलियन के प्रयास हैं जिनके विचारों ने संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव जनरल बान की मून को प्रेरित किया और 20 मार्च 2013 को अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस के रूप में मनाने के लिए ऐलान किया गया.
इस साल क्या है थीम
संयुक्त राष्ट्र ने इस साल अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस पर ‘बिल्ड बैक हैप्पीनेस’ यानि फिर से खुशियों का निर्माण करने की थीम रखी है. इसमें दुनिया को कोविड-19 की महामारी से उबारने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा. कोविड -19 महामारी ने लोगों को सेहत के लिहाज से ही नहीं बल्कि आर्थिक और मानसिक लिहाज भी कमजोर किया है. ऐसे महामारी के हालात ने दुनिया को फिर से खुशियां हासिल करने की जरूरत पर बल दिया जा रहा है.
सराकरों के लक्ष्य और खुशी
देखा जाता है कि दुनिया भर की सरकारें लोगों की समस्याएं सुलझाने, उन्हें सुविधाएं देने और विकास कार्यों में ज्यादा उलझी रहती हैं. इस प्रक्रिया में उनका इस बात पर ध्यान ही नहीं जाता है कि लोककल्याणकारी राज्य के लक्ष्यों के लिए जो कार्यक्रम उन्होंने तय किए हैं वे खुशी पाने के लिए कितने कारगर हैं. इस नजरिए से यह दिवस बहुत अहम हो जाता है.
युद्ध और खुशी
इस समय दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से चिंतित है. भले ही उम्मीद खत्म नहीं हुई है, युद्ध खत्म होने के आसार बहुत आशाजनक नहीं हैं. तीसरे विश्व युद्ध की आशंका भी कायम है. ऐसे में जरूरी है कि हम अपना धैर्य रखना और शांति के लिए प्रयासों को कायम रखना है. खुशी हमारे मनोबल को बनाने में मददगार होगी.
भूटान में खुशी को प्राथमिकता
संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि दुनिया में संधारणीय विकास, गरीबी उन्मूलन, और खुशी के लिए आर्थिक विकास में समानता, समावेशता और संतुलन को शामिल करने की जरूरत है. खुशी को महत्व देने का कामसबसे पहले भूटान जैसे छोटे से देश ने किया था. भूटान 1970 के दशक से अपने राष्ट्रीय आय से ज्यादा राष्ट्रीय खुशी के मूल्य को ज्यादा अहमियत दे रहा है.
इन बातों का रखना होगा ध्यान
खुश रहने के कुछ बातों पर ध्यान देना होगा. इनमें सबसे जरूरी है कि हमारे पास खुशी के लिए एक स्पष्ट नजरिया हो. इसके लिए सबसे पहले हमें साकारात्मकता कायम रखनी होगी क्योंकि अगर हमारे आसपास नकारात्मकता होगी तो हम अपने मन में खुश बरकरार भी नहीं रख सकेंगे. हमें उन चीजों पर ध्यान देना होगा जो हमें खुशी देती हैं.
खुश रहने के कई तरीके हैं. इनमें खुशियों की सूची बनाना, प्रकृति के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना, कृतज्ञता के भाव पर ध्यान देना, दूसरे के लिए निस्वार्थ भाव से कुछ काम करना, अपने लिए एक नई हॉबी पर काम करना जैसे कई टूल हैं जो खुशियां अर्जित करने के उपकरण के तौर पर उपयोग में लाए जा सकते हैं. (news18.com)