अनिरुद्ध दुबे
रायपुर। अब तक जो अटकलें लगाई जाती रही थीं कि यदि भाजपा 40 सीटें भी लाती है तो वह सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है, पर रंग चढ़ते दिख रहा है। एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि वैसे तो भरोसा है कि पूर्ण बहुमत के साथ हम सरकार बनाएंगे, यदि अजीत जोगी के समर्थन की जरूरत पड़ती है तो तत्कालिक परिस्थितियों के हिसाब से उस पर विचार करेंगे।
भाजपा एवं कांग्रेस दोनों पार्टियों के बड़े से लेकर छोटे नेताओं तक की ओर से लगातार अपने-अपने दावे होते रहे हैं कि कम से कम पचास सीटों के साथ वे अपनी सरकार बनाने जा रहे हैं। चूंकि कांग्रेस लगाातार तीन बार सत्ता से बाहर रही है, अतः तय है कि उसके पास खोने को कुछ ज्यादा नहीं और यह भी उतना ही सच है कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद इतनी ताकत लगाकर कांग्रेस ने पहली बार चुनाव लड़ा है। ऐसे में कांग्रेस नेताओं का आत्मविश्वास से भरा होना लाजमी है। वहीं इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि चुनावी प्रबंधन में भाजपा अपने विरोधी दल कांग्रेस से कई कदम आगे रहती आई है। राजनीतिक पंडित यह मानने को बिल्कुल तैयार नहीं की भाजपा का सफाया ही हो जाएगा। माना यही जा रहा है कि भाजपा एवं कांग्रेस के बीच सीटों का अंतर बहुत ज्यादा नहीं रहेगा। यदि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी गठबंधन की पांच या उससे अधिक सीटें आ गईं तो उसकी किसी की सरकार बनाने या नहीं बनने देने में निर्णायक भूमिका हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के छत्तीसगढ़ के ही एक कद्दावर नेता कह चुके हैं- हमारी चालीस सीटें भी आती हैं तो सरकार बनाकर दिखा देंगे। अम्बिकापुर के कांग्रेस प्रत्याशी एवं नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव ने पिछले दिनों मीडिया से बातचीत के दौरान कहा भी था- मैंने सुना है कि भाजपा की तरफ से दावे हो रहे हैं कि चालीस सीटें भी आई तो सरकार बनाकर दिखा देंगे। वहीं कल जोगी कांग्रेस की ओर से लिखित में बयान जारी कर आरोप लगाया गया कि दोनों राष्ट्रीय दल गठबंधन के नेताओं से संपर्क कर प्रलोभन देने का प्रयास कर रहे हैं। चुनाव परिणाम आने में आठ दिन बचे हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में इन आठ दिनों में भीतर ही भीतर काफी उथल-पुथल मची रहेगी।